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मुलाना जलभराव: दुकानदार की आत्मदाह की कोशिश ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया

हरियाणा के मुलाना में जलभराव की समस्या ने एक दुकानदार को आत्मदाह की कोशिश करने पर मजबूर कर दिया। नाले की सफाई न होने के कारण उसके 2.5 लाख रुपये के फर्नीचर नष्ट हो गए। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है और ग्रामीणों में गुस्सा पैदा किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और प्रशासन की प्रतिक्रिया के बारे में।
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मुलाना जलभराव: दुकानदार की आत्मदाह की कोशिश ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया

मुलाना जलभराव: दुकानदार की आत्मदाह की कोशिश

मुलाना जलभराव: दुकानदार की आत्मदाह की कोशिश: हरियाणा के मुलाना में जलभराव की समस्या ने स्थानीय पंचायत की लापरवाही को उजागर किया है। एक दुकानदार ने नाले की सफाई न होने के कारण 2.5 लाख रुपये के फर्नीचर के नष्ट होने से हताश होकर आत्मदाह का प्रयास किया।


यह घटना स्थानीय प्रशासन की उदासीनता पर सवाल उठाती है। ग्रामीणों और दुकानदारों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी और इसके प्रभावों को समझते हैं।


जलभराव से दुकानदार को हुआ नुकसान


मुलाना के दुकानदार सुमेरचंद ने पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि नाले की सफाई न होने के कारण उनकी दुकान के बेसमेंट में गंदा पानी भर गया, जिससे 2.5 लाख रुपये का फर्नीचर खराब हो गया।


सुमेरचंद ने कई बार पंचायत और अधिकारियों को जलभराव की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हताश होकर उन्होंने डीजल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचा लिया। यह घटना दिल दहलाने वाली है।


पंचायत की निष्क्रियता पर सवाल उठता है


सुमेरचंद के परिजनों ने बताया कि उन्होंने सरपंच, पंचायत सचिव और बीडीपीओ को बार-बार शिकायत की। प्रस्ताव पास होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीण महेश ने कहा कि बारिश के बाद गलियों और दुकानों में जलभराव ने जनजीवन को प्रभावित किया है।


पंचायत की लापरवाही ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। इस घटना ने प्रशासन को जागरूक किया है, और अब जेसीबी से सफाई कार्य शुरू किया गया है।


प्रशासन की कार्रवाई और समाधान की आवश्यकता


सरपंच प्रवीण कुमार ने स्वीकार किया कि लगातार बारिश के कारण नालियों में जलभराव की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि नाले की सफाई शुरू कर दी गई है, लेकिन निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। प्रशासन ने इस घटना के बाद तुरंत कार्रवाई शुरू की।


यह घटना स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है। यदि समय पर जलनिकासी की समस्या का समाधान किया जाता, तो यह स्थिति नहीं आती। ग्रामीणों ने स्थायी समाधान की मांग की है।