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मुहर्रम 2025: ताजिये की लंबाई और निर्माण पर नए दिशा-निर्देश

मुहर्रम 2025 के अवसर पर ताजियों की लंबाई को लेकर उत्तर प्रदेश में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ताजियों की ऊंचाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि कुछ स्थानों पर इसे 13 से 15 फीट तक सीमित किया गया है। ताजियों के निर्माण में सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है, जिससे लागत करोड़ों तक पहुंच सकती है। जानें इस त्योहार से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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मुहर्रम 2025: ताजिये की लंबाई और निर्माण पर नए दिशा-निर्देश

मुहर्रम का त्योहार और ताजिये

Muharram 2025: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, मुहर्रम का महीना चल रहा है। इस महीने की 10 तारीख को मुहर्रम का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार 6 जुलाई को मनाया जाएगा। मुहर्रम के दौरान ताजियों की लंबाई भिन्न होती है। कभी-कभी, अधिक ऊंचाई के कारण ताजिये बिजली के खंभों में फंस जाते हैं, जिससे गंभीर दुर्घटनाएं होती हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें ताजियों की अधिकतम लंबाई निर्धारित की गई है.


ताजियों की लंबाई के लिए नियम

मुहर्रम के अवसर पर ताजियों के जुलूस निकाले जाते हैं। एक निश्चित स्थान पर विभिन्न गांवों के ताजिये एकत्र होते हैं। हर ताजिया अलग-अलग डिज़ाइन और लंबाई में होता है, जिसमें कई बार सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है। ताजियों की लंबाई के कारण कई बार हादसे होते हैं, क्योंकि ये बिजली के तारों में फंस जाते हैं, जिससे हर साल कई लोगों की जान चली जाती है.


उत्तर प्रदेश में ताजियों की ऊंचाई को लेकर नियम बनाए गए हैं, जिनके अनुसार ताजिये की ऊंचाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। कुछ स्थानों पर 13 से 15 फीट तक की ऊंचाई निर्धारित की गई है। यह ध्यान देने योग्य है कि कुछ ताजिये 50 फीट तक ऊंचे होते हैं, इसलिए इनकी लंबाई को सीमित किया गया है। इसके साथ ही, जुलूस के दौरान बजने वाले डीजे की आवाज़ की ऊंचाई भी कम की गई है.


ताजिये के निर्माण की लागत

जहां कुछ ताजिये सादगी से लकड़ी और सजावटी सामान से बनाए जाते हैं, वहीं कुछ ताजियों में कई किलो सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है। ताजिये के निर्माण की लागत की कोई निश्चित सीमा नहीं है, लेकिन यह करोड़ों तक पहुंच सकती है.


पिछले वर्ष, जयपुर के राजघराने का ताजिया चर्चा का विषय रहा था, जिसमें 10 किलो सोने और 60 किलो चांदी का इस्तेमाल किया गया था। इस बार भी ऐसे विशेष ताजिये तैयार किए जा रहे हैं.