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मुहर्रम 2025: हिंसा की छाया में मनाया गया त्योहार

मुहर्रम 2025 के दौरान देशभर में हिंसक घटनाओं की बाढ़ आई है, जिससे त्योहार का माहौल प्रभावित हुआ है। बिहार के कटिहार में महावीर मंदिर पर हमले से लेकर उत्तर प्रदेश के बरेली में ताजिया की ऊंचाई को लेकर हुई लापरवाही तक, कई राज्यों में उपद्रव की घटनाएं सामने आई हैं। जानें इन घटनाओं का क्या असर पड़ा और कैसे लोग इस त्योहार को मनाने में बाधित हुए।
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मुहर्रम 2025: हिंसा की छाया में मनाया गया त्योहार

मुहर्रम के दौरान हिंसक घटनाएं

Muharram 2025: मुहर्रम के पर्व पर देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसक झड़पों की खबरें आई हैं। बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में उपद्रव की घटनाएं हुईं, जिससे न केवल कानून व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि त्योहार की खुशियों पर भी गहरा असर पड़ा। बिहार के कटिहार जिले में मुहर्रम के जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने प्राचीन महावीर मंदिर को निशाना बनाया। मंदिर की दीवारों पर ईंट-पत्थरों की बौछार की गई, जिससे सामाजिक सद्भाव को चोट पहुंची। जुलूस के मार्ग में आने वाले घरों की खिड़कियां, दरवाजे और बाहर खड़ी गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं।


उत्तर प्रदेश के बरेली में, सरकार ने ताजियों की ऊंचाई को 10 से 12 फीट तक सीमित करने का आदेश दिया था। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और ताजियादारों की मनमानी के कारण एक बड़ा हादसा हुआ। यहां करीब 25 फीट ऊंचा ताजिया बनाया गया, जो जुलूस के दौरान हाई टेंशन लाइन से टकरा गया, जिससे आग लग गई और भगदड़ मच गई। हालांकि, सौभाग्य से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। लेकिन यह सवाल उठता है कि सख्त गाइडलाइन के बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई? लखीमपुर में भी मुहर्रम जुलूस के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब 170 फीट ऊंचा ताजिया असंतुलित होकर हाई टेंशन तारों पर गिर गया। यह घटना बनवारीपुर के कर्बला मैदान में हुई, जहां लगभग 10,000 लोग मौजूद थे।