मेघालय में गायब हुआ 4,000 टन कोयला: मंत्री का अजीब बयान

मेघालय में कोयले की रहस्यमय गुमशुदगी
मेघालय में कोयला गायब: मेघालय में अचानक 4,000 टन कोयला लापता हो गया है। जब अदालत ने इस पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा, तो मंत्री का उत्तर सुनकर सभी चौंक गए। आबकारी मंत्री किरमेन शायला ने कहा कि भारी बारिश के कारण कोयला बह गया होगा। यह बयान तब आया जब राज्य के उच्च न्यायालय ने अधिकारियों की लापरवाही पर सरकार को फटकार लगाई थी।
यह ध्यान देने योग्य है कि मेघालय भारत का सबसे अधिक वर्षा वाला राज्य है, लेकिन क्या वास्तव में बारिश कोयले को बहा सकती है? मंत्री का यह बयान कई लोगों को हास्यास्पद लगा, और इसने एक गंभीर मुद्दे से ध्यान भटकाने का काम किया है। सवाल यह उठता है कि क्या यह कोयले की तस्करी का मामला है या सरकार की विफलता?
मंत्री का बयान: बारिश ने बहाया कोयला
अब तक हमने बारिश में मकान, फसल और सड़कें बहते देखी हैं, लेकिन कोयला बह जाने की बात पहली बार सुनने को मिली है। मंत्री किरमेन शायला ने कहा कि मेघालय में अत्यधिक वर्षा होती है, इसलिए संभव है कि बारिश ने कोयला बहा दिया हो। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके पास इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। उनका यह बयान न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि कोयले की चोरी को छिपाने की कोशिश भी मानी जा रही है।
अदालत ने कार्रवाई का आदेश दिया
राज्य के राजाजू और डिएंगन गांवों से यह कोयला गायब हुआ है, जिसकी निगरानी के लिए तैनात अधिकारियों के खिलाफ अदालत ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अदालत इस मामले में काफी सख्त नजर आ रही है और सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि इतने बड़े पैमाने पर कोयला कैसे गायब हुआ।
अवैध खनन पर चुप्पी, मंत्री सवालों के घेरे में
2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मेघालय में कोयला खनन और उसके परिवहन पर रोक लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद यहां अवैध खनन की खबरें आती रही हैं। कार्यकर्ता लगातार आरोप लगाते हैं कि राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन हो रहा है। लेकिन मंत्री शायला ने इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने बस इतना कहा कि अगर लोग जीवित रहने के लिए कुछ कर रहे हैं, तो उसे अपराध नहीं कहा जा सकता।