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मॉनसून अपडेट: गुजरात और राजस्थान में बारिश से बाढ़ की स्थिति

गुजरात और राजस्थान में मॉनसून की बारिश ने बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में भी बाढ़ का संकट है, जहां हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। जयपुर में बारिश के बाद जलभराव ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की विफलता को उजागर किया है। जानें इन क्षेत्रों में राहत कार्यों और स्थानीय लोगों की समस्याओं के बारे में।
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मॉनसून अपडेट: गुजरात और राजस्थान में बारिश से बाढ़ की स्थिति

पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति

मॉनसून अपडेट: लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के एक बड़े क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गरबेटा-1 ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतें और गरबेटा-2 ब्लॉक की 3 ग्राम पंचायतें शिलावती नदी के जल से घिरी हुई हैं। चंद्रकोना और घाटाल अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का संकट है। हजारों प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जा रहा है। बाढ़ राहत केंद्रों में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की गई है। तीन क्षेत्रों से सौ से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।


बचाव कार्य जारी

हालांकि, पलाशिया क्षेत्र में पाथरबेरिया नदी घाट के पास एक परिवार को अभी तक बचाया नहीं जा सका है। ब्लॉक के आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी उन्हें बचाने के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, गरबेटा के दोनों ब्लॉकों में कई सड़कें और पुल पानी से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। आशंका है कि हजारों मिट्टी के घर प्रभावित हो सकते हैं, जिससे संपर्क टूट गया है। शिलावती नदी के किनारे की कई सौ बीघा भूमि जलमग्न होने की संभावना है। शालबनी में तमाल नदी भी बह रही है, और औलारा क्षेत्र में बांस का पुल टूट गया है।


नदी का पानी ओवरफ्लो

नदी का पानी ओवरफ्लो हो गया है, जिससे कृषि भूमि में जल भरने लगा है। दोपहर होते-होते घोषकिरा गांव में शिलावती नदी का बांध टूट गया, जिससे कई गांवों के लोग संकट में पड़ गए। पलाशचापरी श्रीनगर स्टेट हाईवे के चटाल क्षेत्र में पानी बढ़ गया है, और लोग घुटनों तक पानी में सड़क पार कर रहे हैं। घाटाल सबडिवीजन के प्रशासक सुमन बिस्वास ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और राहत के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।


गुजरात में बारिश का हाल

गुजरात में तीन दिनों की व्यापक बारिश के बाद शुक्रवार को बारिश की तीव्रता कुछ कम हुई है। पिछले 24 घंटों में वलसाड जिले के वापी तालुका में 7 इंच और पारडी तालुका में 5 इंच से अधिक बारिश हुई है। इसके अलावा, कपराड़ा और धरमपुर में भी 4 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। राज्य के 7 तालुकों में 2 इंच से अधिक, 12 तालुकों में 1 इंच से ज्यादा और 72 तालुकों में 1 इंच से कम बारिश हुई है। कुल मिलाकर, पिछले 24 घंटों में गुजरात के 23 जिलों के 101 तालुकों में बारिश हुई।


जयपुर में मानसून की शुरुआत

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मानसून की पहली बारिश ने शहर की स्थिति को उजागर कर दिया। बारिश ने गर्मी से राहत दी, लेकिन जयपुर हेरिटेज और स्मार्ट सिटी प्रबंधन के दावों की वास्तविकता सामने आ गई। बारिश के कुछ ही घंटों में शहर की कई सड़कें जलमग्न हो गईं। हवा महल के पास चांदी के टकसाल क्षेत्र में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।


ट्रैफिक जाम की समस्या

बारिश थमने के बाद भी सड़कों पर पानी जमा रहा, जिससे शहर के मुख्य मार्गों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। आमेर-जयगढ़ की ओर जाने वाला व्यस्त मार्ग घंटों तक जाम रहा, जिससे वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।


स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल

स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जल निकासी की व्यवस्था बारिश की पहली परीक्षा में विफल हो गई। लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े दावे और योजनाएं केवल कागजों पर ही क्यों रह जाती हैं?


स्थानीय लोगों का गुस्सा

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल यही स्थिति होती है, लेकिन प्रशासन केवल बैठकों में उलझा रहता है। चांदी के टकसाल से लेकर हवा महल और आमेर रोड तक हर साल बारिश में जलभराव एक आम समस्या बन चुकी है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस समस्या का स्थायी समाधान निकालता है या हर मानसून में जयपुर की सड़कों का यही हाल देखने को मिलेगा।