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मॉनसून की बारिश से प्रभावित राज्यों में बाढ़ की चेतावनी

इस वर्ष मॉनसून ने देशभर में जोरदार बारिश का सिलसिला शुरू कर दिया है, जिससे कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। मौसम विभाग ने विभिन्न राज्यों में भारी से अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। जानें किन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है और प्रशासन ने किस प्रकार की तैयारियां की हैं।
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मॉनसून की बारिश का असर

मॉनसून ने इस वर्ष देशभर में जोरदार बारिश का सिलसिला शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आस-पास के क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके आसपास कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिससे बारिश की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है। इस दौरान कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है, जो स्थानीय जीवन को प्रभावित कर सकती है।


मौसम विभाग ने अगले सप्ताह के लिए विभिन्न राज्यों में भारी से अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। 6 और 7 जुलाई को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मूसलधार बारिश की संभावना है। इसके बाद, 7 जुलाई को विदर्भ, 7 और 8 जुलाई को पूर्वी मध्य प्रदेश, 8 और 9 जुलाई को पश्चिमी मध्य प्रदेश, और 9 जुलाई को पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।


इसके अतिरिक्त, उत्तर पश्चिम भारत, पश्चिमी तट और पूर्वोत्तर भारत में भी अगले छह से सात दिनों तक तेज बारिश होने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश और कोंकण, गोवा क्षेत्र में 6 जुलाई को बहुत भारी बारिश हो सकती है। मध्य महाराष्ट्र में 6 और 7 जुलाई को मौसम के बिगड़ने की संभावना है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।


यह बारिश किसानों के लिए राहत का कारण बन सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है। हालांकि, अत्यधिक बारिश बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न कर सकती है, जो शहरों और ग्रामीण इलाकों में नागरिकों की परेशानियों को बढ़ा सकती है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में 6 से 12 जुलाई के बीच लगातार बारिश होने से स्थानीय प्रशासन को बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।


मौसम विभाग के अनुसार, 6 से 10 जुलाई के बीच गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, और सब हिमालयी पश्चिम बंगाल क्षेत्र में भी बारिश की तीव्रता बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा, उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में भी अगले कुछ दिनों तक मूसलधार बारिश हो सकती है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का कारण बन सकती है।


उत्तर पश्चिम भारत में 6 से 12 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, और पंजाब जैसे राज्य इससे प्रभावित हो सकते हैं। इस दौरान, पंजाब और हरियाणा में 6 से 8 जुलाई तक अधिक बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 6 से 10 जुलाई तक लगातार बारिश होगी, जिससे पानी भरने और सड़कें कटने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


मौसम विभाग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, संबंधित राज्य सरकारों और प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तटीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित करने पर विचार किया जा रहा है ताकि छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।