यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि: प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन की तैयारी
यमुना नदी जलस्तर: यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण अलर्ट, ओखला बैराज से 27 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, प्रशासन सतर्क: बल्लभगढ़ क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को ओखला बैराज से 27,412 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस मानसून सीजन में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है।
इस जल प्रवाह के मद्देनजर, प्रशासन ने नदी के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी किया है। सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ग्रामीणों को खेतों से घर बुला लें और किसी को भी नाव से नदी पार करने की अनुमति न दें।
सतर्कता बढ़ाने के लिए मुनादी और निगरानी
एसडीएम मयंक भारद्वाज ने बताया कि सभी पंचायत सचिवों और पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर स्थिति पर नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
गांवों में मुनादी करवाई गई है कि कोई भी व्यक्ति या पशु नदी की ओर न जाए। कंट्रोल रूम से हर घंटे जलस्तर की रिपोर्ट चंडीगढ़ स्थित बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी जा रही है।
सिंचाई विभाग के अधिकारी अरविंद शर्मा ने बताया कि फिलहाल किसी गांव या फसल में पानी घुसने की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
नाव से खेत जाने पर रोक, जान जोखिम में न डालें
ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे नाव का प्रयोग न करें, क्योंकि पानी का बहाव तेज है और दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
अक्सर ग्रामीण खेतों में रहने वाले स्वजन के लिए नाव से भोजन लेकर जाते हैं, लेकिन इस समय यह जोखिम भरा हो सकता है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जब तक जलस्तर सामान्य नहीं होता, तब तक नदी के किनारे जाने से बचें।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग भी हर घंटे की रिपोर्ट साझा कर रहा है, जिससे स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखा जा सके।