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यमुना नदी में डूबने से छह किशोरियों की मौत: गांव में छाया मातम

आगरा में यमुना नदी में डूबने से छह किशोरियों की मौत ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है। ये लड़कियां गर्मी से राहत पाने के लिए नदी में उतरी थीं, लेकिन तेज बहाव में बह गईं। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और पीड़ित परिवारों को सहायता का आश्वासन दिया है। इस घटना ने न केवल गांव बल्कि पूरे जिले को झकझोर दिया है।
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यमुना नदी में डूबने से छह किशोरियों की मौत: गांव में छाया मातम

दर्दनाक हादसा आगरा में

आगरा में मंगलवार को एक भयानक घटना ने पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल दिया। गर्मी से राहत पाने और वीडियो बनाने के लिए यमुना नदी में उतरी छह किशोरियों की पानी में डूबने से जान चली गई। सभी लड़कियां एक ही परिवार से थीं और पास के गांव की निवासी थीं। इस घटना के दौरान कुछ लड़कियां वीडियो बना रही थीं, लेकिन कुछ ही समय में खुशी का माहौल मातम में बदल गया।


यमुना में नहाने गई लड़कियां

यह घटना सिकंदरा थाना क्षेत्र में हुई, जहां खेत में काम करने के बाद लड़कियां यमुना नदी में नहाने गई थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लड़कियां पहले किनारे पर खेल रही थीं और वीडियो बना रही थीं, लेकिन धीरे-धीरे वे गहराई में चली गईं और तेज बहाव में बह गईं।


गर्मी से राहत पाने का प्रयास

गांव के खेतों में काम कर रही ये लड़कियां दोपहर में यमुना नदी के किनारे पहुंचीं। चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए वे पानी में उतरीं, लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह उनका अंतिम कदम साबित होगा।


वीडियो बनाते समय हुआ हादसा

स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़कियां पहले रील्स बना रही थीं और मस्ती कर रही थीं। अचानक, वे गहराई की ओर बढ़ गईं और तेज बहाव में बह गईं। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक चार लड़कियां डूब चुकी थीं।


दो लड़कियों को बचाया गया

स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस की मदद से दो लड़कियों को बाहर निकाला गया और गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया। हालांकि, इलाज के दौरान दोनों की जान नहीं बचाई जा सकी, जिससे मृतकों की संख्या छह हो गई।


एक ही परिवार की बेटियों की मौत

सभी मृतक किशोरियां एक ही विस्तारित परिवार से थीं। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया। अस्पताल और पोस्टमार्टम सेंटर पर परिजनों की चीख-पुकार सुनकर हर कोई भावुक हो उठा। एक पीड़ित परिजन ने कहा, "गर्मी ज्यादा थी, इसलिए सब पानी में उतर गईं। हमें नहीं पता था कि ऐसा हादसा होगा।"


प्रशासन की कार्रवाई

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शवों को यमुना से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।


गांव में मातम का माहौल

इस दुखद घटना ने न केवल गांव बल्कि पूरे जिले को झकझोर दिया है। ग्रामीणों में नाराज़गी है कि नदी किनारे कोई सुरक्षा उपाय नहीं थे और न ही चेतावनी बोर्ड लगे थे। लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में निगरानी और सुरक्षा को बढ़ाया जाए।