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यमुना प्राधिकरण ने उद्योग न लगाने वाले आवंटियों को नोटिस जारी करने की तैयारी की

यमुना प्राधिकरण ने उन आवंटियों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिन्होंने प्लॉट आवंटन के बाद उद्योग स्थापित नहीं किया है। नए सीईओ राकेश कुमार सिंह के अनुसार, संतोषजनक उत्तर न मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने 3082 प्लॉट का आवंटन किया है, जिसमें से कई आवंटियों ने लाभ कमाने के उद्देश्य से प्लॉट खरीदे हैं। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की वजहें और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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यमुना प्राधिकरण ने उद्योग न लगाने वाले आवंटियों को नोटिस जारी करने की तैयारी की

नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू

नोएडा समाचार: ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में प्लॉट आवंटन के बाद, जिन आवंटियों ने उद्योग स्थापित नहीं किया है, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। इस संबंध में प्राधिकरण ने आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। यीडा के नए सीईओ राकेश कुमार सिंह के अनुसार, इन आवंटियों को नोटिस जारी कर उनके उत्तर मांगे जाएंगे। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया गया है कि सोमवार से नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


3082 प्लॉट का आवंटन

यमुना प्राधिकरण ने आवंटित किए 3082 प्लॉट


यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-24, 24ए, 30, 32, और 33 में लगभग 3082 प्लॉट आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, सेक्टर-28 में स्थित मेडिकल डिवाइस पार्क में 89 प्लॉट आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 64 आवंटियों को चेकलिस्ट जारी की जा चुकी है, और 46 ने लीज डीड भी कराई है। वर्तमान में केवल सात कंपनियों का निर्माण कार्य चल रहा है। प्राधिकरण अब सभी औद्योगिक प्लॉट आवंटियों को नोटिस भेजकर निर्माण में देरी का कारण पूछेगा।


आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

आवंटियों के खिलाफ होगी कार्रवाई


यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच में यह सामने आया है कि कई आवंटियों ने लाभ कमाने के उद्देश्य से प्लॉट खरीदे हैं। अपैरल पार्क में 14 प्लॉटों की खरीद-फरोख्त की जानकारी भी मिली है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से एग्रीमेंट टू सेल, पावर ऑफ अटॉर्नी, और अन्य संबंधित दस्तावेजों की जानकारी मांगी है।


स्थायी निर्माण की अनिवार्यता

प्लॉट पर 50 फीसदी स्थायी निर्माण जरूरी


सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि औद्योगिक प्लॉट पर 50 फीसदी स्थायी निर्माण करना अनिवार्य है। अब तक देखा गया है कि उद्यमी केवल टीन शेड डालकर और मशीनें लगाकर उद्योग शुरू करने का दावा करते हैं। शहर में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित होने जा रही हैं, इसलिए आवंटियों को 100 फीसदी टीन शेड का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। उद्यमियों को 50 फीसदी स्थायी निर्माण करना आवश्यक होगा।