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यमुनानगर में 15 करोड़ की ठगी: विदेश जाने का सपना चुराया गया

यमुनानगर में एक बड़े ठगी के मामले ने 80 से अधिक युवाओं को प्रभावित किया है, जिन्होंने विदेश में नौकरी का सपना देखा था। ठगों ने 15 करोड़ रुपये की ठगी की, जब युवाओं को पता चला कि उनकी फ्लाइट टिकटें फर्जी थीं। इस घटना ने न केवल उनकी मेहनत की कमाई छीनी, बल्कि उनके विदेश जाने के सपनों को भी तोड़ दिया। जानें इस धोखाधड़ी के पीछे की कहानी और अब युवाओं की क्या योजना है।
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यमुनानगर में 15 करोड़ की ठगी: विदेश जाने का सपना चुराया गया

यमुनानगर में ठगी का मामला: विदेश जाने का झांसा

यमुनानगर समाचार: 15 करोड़ की ठगी: यमुनानगर में ठगी के एक बड़े मामले ने 2025 में हरियाणा के युवाओं के सपनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। ठगों ने विदेश में नौकरी का लालच देकर 80 से अधिक युवाओं से 15 करोड़ रुपये की ठगी की। मंगलवार रात, जब ये युवा दिल्ली से निराश होकर लौटे और उन्हें पता चला कि उनकी फ्लाइट टिकटें फर्जी थीं, तो उन्होंने यमुनानगर में एजेंट के कार्यालय पर हंगामा किया। यह ठगी इतनी गंभीर है कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि यह धोखा कैसे हुआ और अब क्या स्थिति है!


यमुनानगर में ठगी का जाल


यमुनानगर, पंचकूला, चंडीगढ़, लुधियाना और कुरुक्षेत्र के 80 से अधिक युवाओं को ठगों ने विदेश में नौकरी का सुनहरा सपना दिखाया। इन ठगों ने कुछ से 10 लाख, कुछ से 20 लाख और कुछ से 25 लाख रुपये ठग लिए। 'ग्लोबल इंफोटेक' नामक फर्जी कार्यालय के माध्यम से अजय, रमनदीप कौर और प्रदीप सिंह जैसे लोग इस धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। इनके कार्यालय यमुनानगर के अलावा चंडीगढ़, जीरकपुर, लुधियाना और दिल्ली में भी थे। युवाओं के पासपोर्ट जमा कराए गए और उन्हें ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली बुलाया गया।


फर्जी टिकट और फोन बंद


दिल्ली के होटल में ठहरे युवकों का दिल तब टूटा जब उन्होंने रात की फ्लाइट का स्टेटस चेक किया और पाया कि टिकट कैंसिल हो चुकी थी। जब उन्होंने एजेंट्स से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनके फोन बंद मिले। यह यमुनानगर ठगी 2025 का सबसे बड़ा झटका था। लाखों रुपये गंवाने के बाद युवा खाली हाथ यमुनानगर लौटे और गुस्से में एजेंट के कार्यालय पर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।


सोशल मीडिया का उपयोग


ठगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर युवाओं को अपने जाल में फंसाया। खेड़ी गांव के मोहम्मद साहिल ने बताया कि उसे ग्लोबल इंफोटेक के बारे में इंस्टाग्राम से जानकारी मिली। एजेंट्स ने दावा किया कि वे केवल 10 दिन में ऑस्ट्रेलिया का वर्क वीजा दिला देंगे। साहिल ने 31 मई को अपने दस्तावेज जमा किए और 20 लाख रुपये की मांग पर 10 लाख रुपये दिए—2 लाख ऑनलाइन और 8 लाख कैश। लेकिन वीजा तो दूर, उसे फर्जी टिकट थमा दी गई। ऐसे ही कई युवा इस ठगी का शिकार बने।


अब आगे क्या?


हंगामे के बाद पुलिस ने युवाओं को शांत किया और उन्हें घर जाने को कहा। अब सभी युवा मिलकर पुलिस अधीक्षक को शिकायत देने की योजना बना रहे हैं। इस ठगी ने न केवल युवाओं की मेहनत की कमाई छीनी, बल्कि उनके विदेश जाने के सपनों को भी तोड़ दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिलेगा? इस घटना ने एक बार फिर सतर्क रहने की आवश्यकता को उजागर किया है। यदि आप विदेश जाने का सपना देख रहे हैं, तो पहले एजेंट की पूरी जांच-पड़ताल अवश्य करें!