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यमुनानगर में 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया

यमुनानगर में एक 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया है, जिसके पीछे शादी से पहले के संबंधों का मामला है। लड़की के परिवार ने पहले पुलिस में कोई शिकायत नहीं की थी। प्रसव के बाद, अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और बाल कल्याण समिति को सूचित किया। लड़की अपने बच्चे को अपने पास रखना चाहती है, जबकि सरकारी सहायता की योजना भी बनाई जा रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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यमुनानगर में 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया

शादी से पहले के संबंधों का मामला


Yamunanagar News: हरियाणा के यमुनानगर में एक 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया है। यह मामला तब सामने आया जब लड़की के मंगेतर ने शादी से पहले उसके साथ संबंध बनाए, जिसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई। बताया गया है कि आरोपी युवक ने लड़की के साथ मारपीट भी की, जिससे उसके परिवार वाले इस रिश्ते से असंतुष्ट थे। हालांकि, परिवार ने पहले पुलिस में कोई शिकायत नहीं की। जांच अधिकारी एएसआई कोमल ने कहा कि अस्पताल से डिलीवरी की सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचीं और परिवार से पूछताछ की।


गर्भावस्था का पता चलने में देरी

परिवार ने बताया कि लगभग एक साल पहले उनकी बेटी का रिश्ता तय किया गया था, लेकिन आरोपी ने लड़की के बालिग होने से पहले ही उसे बहला-फुसलाकर उसके साथ गलत काम किया। पुलिस ने कहा कि परिवार ने अभी तक आरोपी के खिलाफ औपचारिक शिकायत नहीं की है। मामले की जांच जारी है और यदि शिकायत मिलती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


प्रसव की प्रक्रिया

लड़की को गर्भवती होने का पता दो-तीन महीने बाद चला, लेकिन परिवार ने इस बारे में किसी को नहीं बताया। गर्भावस्था के नौ महीने पूरे होने पर, लड़की को प्रसव पीड़ा शुरू हुई और उसे 14 जुलाई को जगाधरी के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। 16 जुलाई को उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।


बच्चे की देखभाल की इच्छा

अस्पताल प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और बाल कल्याण समिति को सूचित किया। बाल कल्याण समिति के सदस्य गौरव शर्मा ने कहा कि लड़की की काउंसलिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि लड़की अपने बच्चे को अपने पास रखना चाहती है। यदि बच्चा बाल कल्याण विभाग को सौंपा जाता है, तो गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


सरकारी सहायता की योजना

गौरव शर्मा ने कहा कि बाल कल्याण समिति सरकार से बच्चे को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करेगी। पॉक्सो विक्टिम के बच्चे को सरकार द्वारा 15 से 20 हजार की सहायता राशि दी जाती है, जो उसे दिलवाई जाएगी।