यूक्रेन का ड्रोन हमला: क्या रूस के S-500 सिस्टम को हुआ नुकसान?

अंतरराष्ट्रीय समाचार
International News: यूक्रेन की रक्षा खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि उसके ड्रोन ने क्रीमिया में रूस के अत्याधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्टम के रडार को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। प्रारंभिक रिपोर्टों में इसे S-400 के 96L6 रडार पर हमले के रूप में बताया गया था, लेकिन ओपन-सोर्स जांचकर्ताओं का कहना है कि यह 98L6 कोड वाला रडार था। युद्ध के आरंभ के बाद से यूक्रेन ने कई बार ऐसे दावे किए हैं, जिन पर बाद में सवाल उठे हैं।
98L6 रडार की विशेषताएँ
98L6 रडार को 2020-21 में रूसी सेना में शामिल किया गया था। यह मल्टी-एलिमेंट AESA तकनीक से लैस है, जो 600 किलोमीटर तक और 100 किलोमीटर ऊँचाई तक लक्ष्यों का पता लगाने में सक्षम है। इसकी 360-डिग्री सर्विलांस और बैलिस्टिक टारगेट ट्रैकिंग क्षमता इसे अत्यधिक खतरनाक बनाती है। रूस ने इसे क्रीमिया में तैनात किया था, जहाँ इसका संयुक्त उपयोग S-400 के साथ किया जाता था।
क्रीमिया पर हमले की सटीकता
साइबरबोरोशनो एजेंसी ने हमले के वीडियो का विश्लेषण कर यह पहचानने का प्रयास किया कि टारगेट S-400 का हिस्सा था या S-500 का। यदि यह दावा सही है, तो यह रूस की हवाई सुरक्षा के लिए एक गंभीर झटका होगा। क्रीमिया, जिसे रूस ने 2014 में अपने अधीन किया था, हमेशा से यूक्रेन के निशाने पर रहा है।
भारत के लिए चिंता
रूस ने S-500 सिस्टम को भारत को भी पेश किया है। भारत पहले से S-400 का उपयोग कर रहा है, जिसने भारत-पाक युद्ध में 314 किलोमीटर दूर से पाकिस्तानी सर्विलांस विमान को गिराया था। S-500 इससे भी अधिक उन्नत है, जो इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल और निचली कक्षा की सैटेलाइट को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
यूक्रेन की युद्ध रणनीति
यूक्रेन लगातार ड्रोन और प्रिसिशन स्ट्राइक हथियारों का उपयोग कर रूस की उच्च मूल्य वाली सैन्य संपत्तियों को निशाना बना रहा है। इस बार का दावा न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास भी हो सकता है। युद्ध के मैदान में प्रोपेगेंडा भी एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
रूस की खामोशी और सतर्कता
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है। हालांकि, रूसी मीडिया का कहना है कि क्रीमिया में हाल ही में हवाई सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस इस घटना की पुष्टि करके अपनी तकनीकी कमजोरी को उजागर नहीं करना चाहता।
रूस-भारत रक्षा सौदे पर साया
यदि यह हमला सच है, तो यह रूस के रक्षा ढांचे के लिए एक बड़ा झटका होगा और भारत जैसे संभावित खरीदारों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस अपनी सुरक्षा रणनीति में क्या बदलाव करता है और भारत S-500 डील पर क्या रुख अपनाता है।