यूपी में दलितों पर अत्याचार: चंद्रशेखर आजाद ने सरकार को घेरा

चंद्रशेखर आजाद का यूपी सरकार पर हमला
लखनऊ। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने हाल में हुई कुछ घटनाओं का उल्लेख किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चंद्रशेखर आजाद ने लिखा कि, उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिनों में दलितों के खिलाफ हुए अत्याचार बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने 8 जुलाई को इटावा में ग्राम प्रधान शंभू दयाल वाल्मीकि की हत्या का जिक्र किया। इसके बाद 9 जुलाई को देवरिया में दलित श्रमिक परमहंस प्रसाद की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। परिजनों का कहना है कि मजदूरी के पैसे मांगने पर परमहंस की बुरी तरह पिटाई की गई, जिससे उनकी मौत हुई।
उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिनों का दलित अत्याचार अत्यंत दुख और चिंता का विषय है।
1. जुलाई 8, इटावा में ग्राम प्रधान शंभू दयाल वाल्मीकि की निर्मम हत्या
2. जुलाई 9, देवरिया में दलित मज़दूर परमहंस प्रसाद की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु — परिजनों के अनुसार, अपनी मजदूरी…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) July 13, 2025
इसके अलावा, उन्होंने 10 जुलाई को आजमगढ़ के मेंहनगर थाना क्षेत्र के सिंहपुर गांव में एक दलित युवक योगेश राम की हत्या का भी उल्लेख किया। उनका शव मंगई नदी के किनारे एक कूड़ाघर में रस्सी से लटका मिला, जिसमें कई चोटों के निशान थे। 11 जुलाई को फिरोजाबाद के टूंडला थाना क्षेत्र में 13 वर्षीय दलित किशोर मोहित का नग्न शव मिला, जिसके हाथ शर्ट से बंधे थे और गला घोंटने की आशंका जताई गई है।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों की जान, इज़्ज़त और अधिकारों पर लगातार हमले हो रहे हैं, और सरकार इस पर चुप है। उन्होंने इन मामलों में त्वरित न्याय और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।