योगी सरकार की गन्ना किसानों के लिए नई पहल: समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि
मुख्यमंत्री की नई घोषणा
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने के समर्थन मूल्य में 30 रुपए प्रति कुंतल की वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय किसानों की आय में सुधार और कृषि को अधिक लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नई दरों के अनुसार, अगेती गन्ने का मूल्य 400 रुपए प्रति कुंतल और सामान्य गन्ने का मूल्य 390 रुपए प्रति कुंतल होगा।
किसानों को मिलने वाला लाभ
इस निर्णय से प्रदेश के गन्ना किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त लाभ मिलने की संभावना है। योगी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों की आय और जीवन स्तर को सुधारने के लिए उठाया गया है।
गन्ना मूल्य वृद्धि का प्रभाव
इस ऐतिहासिक वृद्धि से गन्ना किसानों की आय में सीधा सुधार होगा। बढ़े हुए समर्थन मूल्य के कारण किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे वे अधिक लाभ के साथ खेती कर सकेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन और किसानों की वित्तीय सुरक्षा में सुधार होगा।
योगी सरकार का भुगतान रिकॉर्ड
2017 से अब तक, योगी सरकार ने गन्ना किसानों को कुल 2,90,225 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जबकि 2007-2017 के बीच केवल 1,47,346 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ। इसका अर्थ है कि योगी सरकार ने पिछले शासन की तुलना में 1,42,879 करोड़ रुपए अधिक भुगतान किया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वर्तमान सरकार किसानों की आय और हितों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
गन्ना मिलों और एथेनॉल उत्पादन की स्थिति
राज्य में वर्तमान में 122 चीनी मिलें कार्यरत हैं। पिछले आठ वर्षों में 4 नई मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलें पुनः चालू की गईं और 42 मिलों का विस्तार किया गया। इसके अलावा, एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो गया है, और आसवनियों की संख्या 61 से बढ़कर 97 हो गई है। यह विकास राज्य की कृषि और उद्योग दोनों को सशक्त बनाता है।
बिचौलियों की भूमिका का अंत
स्मार्ट गन्ना किसान प्रणाली के माध्यम से गन्ना पर्ची की प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से पहुंच रहा है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है, किसानों का समय और मेहनत बची है, और उन्हें उनका पूरा हक तुरंत मिल रहा है।
