रक्षाबंधन 2025: भद्रा काल और शुभ मुहूर्त की जानकारी

रक्षाबंधन 2025 का महत्व
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और सुरक्षा का प्रतीक है। क्या आप जानते हैं कि राखी बांधने का सही समय चुनना कितना महत्वपूर्ण है?
भद्रा काल और रक्षाबंधन 2025
इस वर्ष सावन पूर्णिमा 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होगी और 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। भद्रा काल भी इसी दौरान आएगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि 9 अगस्त को सुबह 5:46 बजे भद्रा काल समाप्त हो जाएगा।
इसका अर्थ है कि आप बिना किसी चिंता के शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकते हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन 2025 के लिए शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:21 से 5:06 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:54 बजे तक।
सर्वार्थ सिद्ध योग: सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:23 से 3:23 बजे तक।
निशीथ काल: शाम 5:43 से 7:22 बजे तक।
इन समयों में राखी बांधने से भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की जा सकती है।
भद्रा का महत्व
पुराणों के अनुसार, भद्रा को शनि देव की बहन माना जाता है। जब भद्रा क्रोधित होती हैं, तो वे कार्यों में बाधा डालती हैं। इसलिए उनके समय में कोई भी शुभ कार्य, जैसे राखी बांधना, नहीं किया जाता। ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार, भद्रा एक विशेष समय है, जिसे हिंदू पंचांग में विष्टि करण कहा जाता है।
यह समय अशुभ माना जाता है, और इस दौरान मांगलिक कार्यों से बचा जाता है।
भद्रा काल में राखी बांधने का कारण
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ है, और इसका संबंध रामायण की कहानी से है। रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा काल में रावण को राखी बांधी थी, जिसके बाद रावण की मृत्यु हुई।
राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन के बीच सुरक्षा और प्रेम का पवित्र बंधन है। इसे शुभ मुहूर्त में बांधना आवश्यक है ताकि भाई की सुरक्षा और दोनों के जीवन में सुख बना रहे।
रक्षाबंधन को खास बनाएं
इस रक्षाबंधन को शुभ मुहूर्त में राखी बांधकर अपने भाई के लिए सुख और सुरक्षा की कामना करें। भद्रा काल से बचें और पंचांग के अनुसार सही समय चुनें। यह त्योहार न केवल प्यार का प्रतीक है, बल्कि सही समय पर राखी बांधने से आपके भाई का भाग्य भी चमक सकता है।