रवि किशन ने खाद्य पदार्थों की कीमतों के मानकीकरण की मांग की

खाद्य पदार्थों की कीमतों में असमानता पर चिंता
रवि किशन का बयान: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और अभिनेता रवि किशन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह देशभर के रेस्टोरेंट्स में परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाए। बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान गोरखपुर से सांसद ने विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों में एक ही व्यंजन की कीमतों में भारी अंतर को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
रवि किशन ने सदन में कहा, "खाद्य पदार्थों या व्यंजनों की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा में कोई एकरूपता नहीं है।" उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सड़क किनारे के ढाबों से लेकर पांच सितारा रेस्तरां तक, एक समोसा 10 रुपये में मिल सकता है, जबकि वड़ा पाव की कीमत 100 रुपये तक हो सकती है। इसी तरह, साधारण दाल तड़का की कीमत 100 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक हो सकती है। इस असमानता को उन्होंने उपभोक्ताओं के लिए अनुचित बताया।
देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो।
— Ravi Kishan (@ravikishann) July 30, 2025
💬 मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं, जिससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है।
मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे: मेन्यू में मूल्य के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की… pic.twitter.com/ez91qJtxgM
मानकीकरण की आवश्यकता
सांसद ने कहा कि इस प्रकार की अनियमितता से आम जनता को कठिनाई होती है। उन्होंने एक मानकीकृत प्रणाली की मांग की, जो यह सुनिश्चित करे कि ग्राहकों को उनके पैसे का सही मूल्य मिले। किशन ने कहा, "इसलिए मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि खाद्य पदार्थों की कीमतों, गुणवत्ता और मात्रा को विनियमित करने के लिए एक कानून लाए ताकि ग्राहकों को उचित दाम पर ये मिल सकें।"
सरकारी ध्यान की कमी
रवि किशन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई क्षेत्रों में सुधारात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन खाद्य पदार्थों के मूल्य निर्धारण और मानकीकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अभी तक पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया।