रविवार पर दिल को छू लेने वाली शायरी

रविवार पर शायरी
रविवार पर शायरी: दिल को छू लेने वाली शायरी जो एक शांत रविवार की सुबह को खूबसूरत बनाती है। इतवार का दिन ऐसा होता है, जैसे जिंदगी का एक नया पन्ना, जो बिना किसी जल्दी के खुलता है। सुबह की शुरुआत बिना अलार्म की आवाज़ के होती है, चाय की चुस्कियां लंबी होती हैं, और दिल पुराने गानों या किताबों में खो जाता है। 6 जुलाई 2025 का यह रविवार भी कुछ खास होने वाला है। हफ्ते की भागदौड़ के बाद, इतवार एक ठंडी हवा का झोंका है, जो मन को सुकून देता है। इस दिन को और खास बनाने के लिए हम आपके लिए कुछ शायरी लाए हैं, जो आपके रविवार के मूड को बयां करेंगी। आइए, इन पंक्तियों में खो जाएं और इतवार का आनंद लें!
रविवार की शायरी
कई कहानियाँ खुद-ब-खुद आ जाती हैं,
जब मैं उससे मिलता हूँ, इतवार छोटा पड़ जाता है।
– प्रताप सोमवंशी
अगर मैं वो पत्र न लिखता, तो मेरे दोस्त नाराज़ हो जाते,
और कहते, हम इतवार को तुम्हारे साथ हैं।
– ज़ीशान साहिल
ऐसे कैलेंडर का आदेश दें,
जिसमें दो दिन बाद एक इतवार हो।
– साहिर लुधियानवी
रविवार की सुखद शुरुआत
इतवार की सुबह कुछ खास होती है। न कोई जल्दी, न ऑफिस की टेंशन। बस एक कप चाय और खिड़की से आती धूप। ऐसी सुबह में शायरी पढ़ना दिल को छूने जैसा होता है। जैसे:
“इतवार की सुबह, चाय की चुस्की और तुम,
दिल से दिल तक बस शायरी का जादू।”
यह शायरी आपके रविवार को और रंगीन बनाएगी। चाहे आप अकेले हों या परिवार के साथ, ये पंक्तियां आपके मूड को तरोताजा कर देंगी।
इतवार पर शायरी
हाकिम-ए-वक़्त यूँ मग़रूर न बन,
पीर आता है तो इतवार बदल जाता है।
– आदिल राही
क्योंकि आठों पहर मुझको फ़ुर्सत नहीं,
कहीं खो गया मेरा इतवार अब।
– असग़र शमीम
खुद को दफ़्तर में ये समझाते हैं,
रोज़ इतवार नहीं हो सकता।
– सपना मूलचंदानी
2 लाइन की शायरी
इतवार पर शायरी का असली मजा तब आता है, जब वो छोटी हो, मगर दिल को गहराई से छू ले। 2 लाइन की शायरी में वो जादू है, जो कम शब्दों में बड़ा असर छोड़ता है। जैसे:
“रविवार का सुकून, बस थोड़ा सा ठहराव,
दिल की बातें कह दे, ये इतवार का प्यार।”
ऐसी शायरियां आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ व्हाट्सएप पर शेयर कर सकते हैं और रविवार को और यादगार बना सकते हैं।
परिवार और दोस्तों के साथ इतवार का मूड
इतवार का दिन सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि अपनों के लिए भी खास होता है। इस दिन घर में हंसी-मजाक, पुरानी यादें और गपशप का दौर चलता है। ऐसी मौज में शायरी का तड़का लगाएं:
“इतवार की चाय, और अपनों की बात,
हर लम्हा बन जाता है, बस एक खूबसूरत साथ।”
ये पंक्तियां उस गर्मजोशी को बयां करती हैं, जो रविवार की दोपहर में परिवार के साथ बिताए पलों में होती है।
रविवार पर दो लाइन शायरी
काम काज जिंदगी भर है, आज संडे है कुछ आराम भी कीजिये।
छुट्टी का दिन मुबारक हो।
Happy Sunday
हर रविवार अपना समय अपने परिवार के साथ बिताये,
इससे रिश्तों में और भी ज्यादा निखार आएगा।
Happy Sunday