राजस्थान में जासूसी के आरोपों से हड़कंप: शकूर खान की गिरफ्तारी पर सवाल

शकूर खान पर जासूसी के गंभीर आरोप
शकूर खान का पाकिस्तानी जासूसी से संबंध: राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सचिव शकूर खान पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने राज्य की राजनीतिक स्थिति में हलचल मचा दी है। पूछताछ के पहले दिन ही कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, लेकिन सरकार की ओर से कार्रवाई में कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई है। शकूर खान को हिरासत में लिए हुए 5 दिन से अधिक हो चुके हैं, और उसे कोर्ट में पेश किए जाने के 24 घंटे भी बीत चुके हैं। इसके बावजूद, न तो उसे बर्खास्त किया गया है और न ही किसी विभागीय जांच की शुरुआत की गई है।
जैसलमेर में सामरिक जानकारी जुटाने का शक
शकूर खान, जो पहले रोजगार विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी था, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग में कार्यरत रहा और जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच बना चुका था। अब यह संदेह जताया जा रहा है कि उसने इसी पहुंच का उपयोग सामरिक और सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को इकट्ठा करने के लिए किया।
पूछताछ में असहयोगी रवैया
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों द्वारा की गई पूछताछ में शकूर खान ने असहयोगी रवैया अपनाया। उसने बार-बार बीमारी और मानसिक दबाव का बहाना बनाया, लेकिन जब एजेंसियों ने उसके मोबाइल डेटा से मिली चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स को प्रस्तुत किया, तो वह चुप हो गया।
पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी से करीबी संबंध
एक गंभीर तथ्य यह सामने आया है कि शकूर खान की करीबी दोस्ती भारत सरकार द्वारा अवांछनीय घोषित किए गए पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारी ‘दानिश’ से थी, जिसे उसने पूछताछ में स्वीकार किया।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष के आरोप
जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि शकूर की मदद से जैसलमेर से कुछ अन्य लोग भी पाकिस्तान गए थे, जिनसे पूछताछ की जा सकती है। यह भी चौंकाने वाला है कि कांग्रेस नेता सालेह मोहम्मद को शकूर के पाकिस्तान जाने की जानकारी थी और एक बार उनके ऑफिस से उसे आर्थिक सहायता भी दी गई थी। यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में उबाल का कारण बन गया है, जहां विपक्ष सरकार पर “देशद्रोहियों को संरक्षण देने” का आरोप लगा रहा है।