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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से हटने का निर्णय लिया। गृह मंत्रालय ने इस इस्तीफे की सूचना राज्यसभा को दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ की जन सेवा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की है। जानें धनखड़ के राजनीतिक सफर और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत के बारे में।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार किया

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। धनखड़ ने सोमवार की रात स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में कहा कि वह स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने के लिए तुरंत प्रभाव से अपने पद से हट रहे हैं। उन्होंने लिखा, "स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत, तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।"


गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को दी सूचना

गृह मंत्रालय ने राज्यसभा को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अधिसूचना दी है। प्रश्नकाल के दौरान, सत्र की अध्यक्षता करते हुए घनश्याम तिवारी ने सदन में यह अधिसूचना पढ़कर सुनाई। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई, 2025 की अधिसूचना के माध्यम से धनखड़ के इस्तीफे की सूचना दी है।


प्रधानमंत्री मोदी ने धनखड़ की सराहना की

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की। उन्होंने धनखड़ की जन सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, मोदी ने धनखड़ के कार्यकाल में उनके योगदान को स्वीकार किया और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।


धनखड़ का राजनीतिक सफर

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ। उपराष्ट्रपति बनने से पहले, वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। उनका राजनीतिक करियर कई दशकों तक फैला है, जिसमें सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल शामिल है।


उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ की जीत

जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त, 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार के रूप में विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। उन्होंने 528 वोट प्राप्त किए, जो पिछले तीन दशकों में किसी भी उपराष्ट्रपति के लिए सबसे अधिक हैं।