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राष्ट्रपति मुर्मू ने कर्नाटक में कन्नड़ सीखने का किया वादा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कन्नड़ भाषा के बारे में सवाल किया, जिसके जवाब में राष्ट्रपति ने कन्नड़ सीखने का वादा किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया और उन्होंने भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। विपक्षी दलों ने कन्नड़ भाषा के उपयोग को लेकर विरोध जताया, लेकिन राष्ट्रपति का आश्वासन सकारात्मक संदेश लेकर आया।
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राष्ट्रपति मुर्मू ने कर्नाटक में कन्नड़ सीखने का किया वादा

हीरक जयंती समारोह में राष्ट्रपति का संदेश

हीरक जयंती समारोह: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को मैसूरु में अखिल भारतीय वाक् और श्रवण संस्थान (AIISH) की हीरक जयंती समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुस्कुराते हुए पूछा, 'क्या आप कन्नड़ जानती हैं?' राष्ट्रपति ने विनम्रता से उत्तर दिया कि वह कन्नड़ सीखने का प्रयास करेंगी और भारतीय भाषाओं, परंपराओं और संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।


राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि, 'हालांकि कन्नड़ मेरी मातृभाषा नहीं है, लेकिन मैं अपने देश की सभी भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं को गहराई से संजोकर रखती हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि हर नागरिक को अपनी परंपराओं और मातृभाषा को जीवित रखना चाहिए ताकि वे इसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचा सकें।


राष्ट्रपति का प्रेरणादायक संदेश

राष्ट्रपति मुर्मू का उत्तर


राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि सभी लोग अपनी भाषा को जीवित रखें, अपनी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित करें और उसी दिशा में आगे बढ़ें। मैं भी धीरे-धीरे कन्नड़ सीखने का प्रयास करूंगी।' उनके इस बयान पर समारोह स्थल पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी।


भव्य स्वागत का आयोजन

मैसूरु एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत


इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू का मैसूरु एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और भाजपा सांसद यदुवीर वाडियार भी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री का कन्नड़ पर जोर

राष्ट्रपति के उत्तर ने किया प्रभावित


समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने संबोधन की शुरुआत कन्नड़ में की और राष्ट्रपति से मुस्कुराते हुए पूछा कि क्या वह कन्नड़ समझती हैं। राष्ट्रपति का उत्तर सभी को प्रभावित कर गया। मुख्यमंत्री ने पहले भी कन्नड़ भाषा के व्यापक उपयोग की वकालत की है।


विपक्षी दलों का विरोध

विपक्षी दलों ने क्यों जताया विरोध


कुछ समय पहले, उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना चाहिए। उनका यह बयान विपक्षी दलों के विरोध का कारण बना था। एक बार फिर से भाषा और संस्कृति के संरक्षण पर चर्चा को नया मोड़ मिला है। राष्ट्रपति मुर्मू का यह आश्वासन कि वह कन्नड़ सीखेंगी, लोगों में सकारात्मक संदेश लेकर आया है।