राष्ट्रपति मुर्मू ने चार प्रमुख हस्तियों को राज्यसभा में मनोनीत किया

राज्यसभा के लिए मनोनीत व्यक्तियों की सूची
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए चार प्रमुख व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इनमें केरल के प्रसिद्ध शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर, जाने-माने वकील उज्ज्वल देवराव निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, और इतिहासकार मीनाक्षी जैन शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना 12 जुलाई 2025 को जारी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी मनोनीत व्यक्तियों को बधाई दी है, विशेष रूप से सी. सदानंदन मास्टर के साहस और समर्पण की सराहना की है.
सी. सदानंदन मास्टर की पहचान
सी. सदानंदन मास्टर, जो त्रिशूर जिले के पेरमंगलम में श्री दुर्गा विलासम हायर सेकेंडरी स्कूल में 1999 से सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हैं, ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम (1984) और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड (1989) की डिग्री प्राप्त की है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के साथ-साथ, वह केरल में राष्ट्रीय अध्यापक संघ के उपाध्यक्ष और इसकी पत्रिका 'देशीय अध्यापक वार्ता' के संपादक भी हैं। इसके अतिरिक्त, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े बौद्धिक संगठन, भारतीय विचार केंद्रम के सक्रिय सदस्य रहे हैं.
सामाजिक कार्यों में सक्रियता
सदानंदन मास्टर का जीवन केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। वह सामाजिक कार्यों में भी गहरी रुचि रखते हैं और विशेष रूप से केरल के कन्नूर जिले में राजनीतिक हिंसा से प्रभावित लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं। उनकी यह प्रतिबद्धता उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विशिष्ट पहचान देती है.
1994 में हुए हमले की घटना
25 जनवरी, 1994 को, सदानंदन पर कन्नूर में उनके आवास के पास एक हमले का सामना करना पड़ा। कन्नूर ज़िला अक्सर राजनीतिक झड़पों के लिए जाना जाता है। इस हमले में उनके दोनों पैर काटने पड़े। यह हमला कथित तौर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [माकपा] के सदस्यों द्वारा किया गया था, जो उनके वामपंथी रुख से असहमत थे। उस समय उनकी उम्र 30 वर्ष थी। इस घटना के बावजूद, उन्होंने सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में सक्रियता बनाए रखी.