राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया: क्या लोकतंत्र का अपमान है?

भाजपा ने राहुल गांधी पर उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की है, जिन्होंने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के शपथग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी ने संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन किया है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है।
राहुल गांधी की गैरमौजूदगी पर सवाल
भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "राहुल गांधी को भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों से कोई लगाव नहीं है। स्वतंत्रता दिवस पर वे लाल किले पर भी नहीं दिखे और अब उपराष्ट्रपति के शपथ समारोह से भी गायब हैं। क्या ऐसे व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार है जो संवैधानिक अवसरों को नजरअंदाज करता है?"
छुट्टियों का समय, संवैधानिक आयोजनों का नहीं
भंडारी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी विदेशों में छुट्टियां मनाने का समय निकाल सकते हैं, लेकिन जब देश में महत्वपूर्ण संवैधानिक आयोजन होते हैं, तब उनकी अनुपस्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह रवैया लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए खतरा है और विपक्ष की गंभीरता पर सवाल उठाता है।
कांग्रेस ने दी सफाई
कांग्रेस नेता उदित राज ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति का बचाव करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता का हर संवैधानिक कार्यक्रम में होना जरूरी नहीं है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया और समारोह में उपस्थित थे।
भाजपा सहयोगियों की नाराजगी
भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने भी विपक्षी दलों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को संवैधानिक आयोजनों से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए।
राहुल गांधी का गुजरात दौरा
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी समारोह के दिन उत्तर प्रदेश और गुजरात के दौरे पर थे, इसलिए वे शपथग्रहण में शामिल नहीं हो सके।
राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने विपक्ष समर्थित उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर यह पद हासिल किया।