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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल, क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सरकार के सीजफायर की घोषणा को लेकर तीखी आलोचना की। राहुल ने कहा कि सरकार ने पाकिस्तान को आधे घंटे में सीजफायर की जानकारी देकर आत्मसमर्पण किया। उन्होंने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए पूछा कि क्या यह उचित है कि सैन्य अभियान के 30 मिनट के भीतर दुश्मन देश को यह बताया जाए कि आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। जानें पूरी कहानी में क्या है।
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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर उठाए गंभीर सवाल, क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति?

कांग्रेस नेता ने लोकसभा में उठाए मुद्दे

कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की इच्छा नहीं दिखाई और जल्दबाज़ी में संघर्षविराम की घोषणा कर दी।


सरकार ने 30 मिनट में किया सरेंडर

राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण सैन्य अभियान की शुरुआत के कुछ ही समय बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को सीजफायर की जानकारी दे दी। उन्होंने कहा, "सरकार ने आधे घंटे में ही पाकिस्तान को सूचित कर दिया कि हमने हमला किया है और अब कोई आगे की कार्रवाई नहीं होगी। यह स्पष्ट संकेत है कि आपके पास युद्ध लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है।" उन्होंने इसे "आधी रात में आत्मसमर्पण" करार दिया और इसे एक कमजोर और डरपोक निर्णय बताया।


रक्षा मंत्री के बयान का जिक्र

राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि रात 1:35 बजे पाकिस्तान को सूचित किया गया कि भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है और आगे कोई एस्केलेशन नहीं होगा।


राहुल का तीखा सवाल

"क्या किसी सैन्य अभियान के 30 मिनट के भीतर दुश्मन देश को यह कहना कि अब हम आगे कुछ नहीं करेंगे, देश की सुरक्षा नीति का हिस्सा होना चाहिए?" उन्होंने कहा कि यह बयान स्पष्ट करता है कि सरकार केवल प्रतीकात्मक कार्रवाई करना चाहती थी, न कि निर्णायक परिणाम हासिल करना।


सरकार ने वायुसेना के पायलटों को रोका

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार के इस रवैये ने वायुसेना के पायलटों और सैनिकों के मनोबल को प्रभावित किया। "जब आपके पायलट पूरी तरह से तैयार होते हैं, और आप उन्हें आदेश देते हैं कि वे आगे न बढ़ें – तो यह उनकी क्षमता और साहस का अपमान है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऑपरेशन का इस्तेमाल किया और जैसे ही उसका उद्देश्य पूरा हुआ, कार्रवाई रोक दी।