Newzfatafatlogo

रीवा अस्पताल में मरीज को सड़क पर स्ट्रेचर पर ले जाने का मामला

मध्य प्रदेश के रीवा में एक मरीज को सरकारी अस्पताल से बाहर सड़क पर स्ट्रेचर पर ले जाने की घटना ने अस्पताल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल से जुड़ा है, जो राज्य के उपमुख्यमंत्री का होम डिस्ट्रिक्ट है। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जांच के आदेश दिए हैं। जानें इस संवेदनशील मामले की पूरी जानकारी और अस्पताल की कार्रवाई के बारे में।
 | 
रीवा अस्पताल में मरीज को सड़क पर स्ट्रेचर पर ले जाने का मामला

रीवा में अस्पताल की लापरवाही का मामला


रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक मरीज को सरकारी अस्पताल से बाहर सड़क पर स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा गया है। यह घटना संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल की है, जो कि रीवा का सरकारी चिकित्सा संस्थान है।


मृगनयनी चौराहे पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक महिला और एक पुरुष मरीज को स्ट्रेचर पर धकेलते हुए सड़क पार करते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान सड़क पर वाहनों की आवाजाही जारी थी, जिससे मरीज को ट्रैफिक के बीच से निकाला गया। इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


किसने दी मरीज को बाहर ले जाने की सलाह?

जानकारी के अनुसार, मरीज को अस्पताल से बाहर ले जाने की सलाह एक निजी एंबुलेंस चालक ने दी थी, जिसके बाद परिजन उसे स्ट्रेचर पर बाहर ले गए। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने कोई रोकथाम नहीं की। वीडियो के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने इसे 'संवेदनशील मामला' बताया है और कहा है कि जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


अस्पताल की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मरीज बिना अनुमति के अस्पताल से बाहर कैसे निकला और ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


राजनीतिक संवेदनशीलता का मामला

इस मामले की एक खास बात यह है कि संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल का होम डिस्ट्रिक्ट है। इसलिए यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है। जिला प्रशासन से रिपोर्ट जल्द मांगी गई है ताकि अस्पताल की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाए जा सकें।