रूस का कीव पर बड़ा हवाई हमला, नागरिकों पर पड़ा गंभीर असर

रूस का हवाई हमला
यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों के बावजूद, रूस ने रविवार (7 सितंबर) को कीव पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस हमले में ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम दो लोगों की जान चली गई और 17 अन्य घायल हुए। इस हमले ने कीव के मंत्रिमंडल भवन की छत को भी नुकसान पहुंचाया, जो किसी प्रमुख सरकारी कार्यालय को होने वाला पहला नुकसान था।
हमले का प्रभाव
एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने कीव के मंत्रिमंडल भवन की छत से धुआं उठते देखा। हमले के बाद पुलिस ने क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगा दी और आपातकालीन सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंच गईं। यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने कहा, "पहली बार, दुश्मन के हमले से सरकारी भवन को नुकसान पहुंचा है, जिसमें छत और ऊपरी मंजिलें प्रभावित हुईं। हम इमारतों को पुनर्स्थापित करेंगे, लेकिन खोए हुए जीवन को वापस नहीं लाया जा सकता।"
नागरिकों पर हमला
नागरिकों पर भारी पड़ रहा हमला
इस हमले में एक मां और उनके तीन महीने के बच्चे की मलबे में दबने से मौत हो गई। कीव के स्वियातोशिन्स्की और दार्नित्स्की जिलों में आवासीय इमारतों को सीधा नुकसान पहुंचा, जिसमें कम से कम 17 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि 747 ड्रोन और 4 मिसाइलों को मार गिराया गया, लेकिन 9 मिसाइलें और 56 ड्रोन देश भर के 37 स्थानों पर टकराए।
यूक्रेन का जवाबी हमला
यूक्रेन का जवाबी हमला
यूक्रेन ने जवाब में रूस के द्रुझबा तेल पाइपलाइन को निशाना बनाया। कीव के अधिकारियों ने कहा कि ये हमले मॉस्को के ऊर्जा संसाधनों को प्रभावित करने के लिए किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस के तेल और गैस पर कठोर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, "विश्व को इस विनाश का जवाब न केवल शब्दों से, बल्कि कामों से देना चाहिए।" राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने भी रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की और कहा कि वह शांति वार्ता के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने को तैयार हैं।
शांति वार्ता की उम्मीदें धूमिल
शांति वार्ता की उम्मीदें हुईं धूमिल
यह हमला पिछले दो हफ्तों में कीव पर रूस का दूसरा बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमला है, जिससे शांति वार्ता की उम्मीदें और कमजोर हो गई हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुतिन को अलास्का में चर्चा के लिए आमंत्रित किया था, और जेलेंस्की व यूरोपीय नेताओं के साथ व्हाइट हाउस में बैठक हुई थी, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई।