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रूस की एयरोफ्लोट एयरलाइन पर साइबर हमले से उड़ानें प्रभावित

रूस की प्रमुख एयरलाइन एयरोफ्लोट को एक गंभीर साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिसके कारण 100 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं और कई में देरी हुई। यूक्रेनी और बेलारूसी हैकर समूहों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह घटना फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से सबसे विनाशकारी साइबर हमलों में से एक मानी जा रही है। जानें इस हमले का विस्तृत प्रभाव और एयरोफ्लोट की प्रतिक्रिया।
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रूस की एयरोफ्लोट एयरलाइन पर साइबर हमले से उड़ानें प्रभावित

साइबर हमले का प्रभाव

रूस की सरकारी एयरलाइन एयरोफ्लोट को सोमवार को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिससे कंपनी के कंप्यूटर सिस्टम में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस हमले के कारण एयरलाइन को 100 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानों में देरी हुई। यूक्रेनी हैकर समूह साइलेंट क्रो और बेलारूसी हैकर समूह बेलारूस साइबर-पार्टिसंस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जो बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के शासन का विरोध कर रहे हैं।


साइबर हमले का इतिहास

यह घटना फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से रूस पर हुए सबसे गंभीर साइबर हमलों में से एक मानी जा रही है। इससे पहले भी रूसी सरकारी वेबसाइटों और अन्य प्रमुख कंपनियों, जैसे कि सरकारी स्वामित्व वाली रूसी रेलवे, को निशाना बनाया गया था, लेकिन उन हमलों के बाद सेवाएँ जल्दी ही सामान्य हो गई थीं। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में, मॉस्को के शेरेमेत्येवो हवाई अड्डे पर सैकड़ों यात्रियों की भीड़ देखी जा सकती है, जो देरी से उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। इस व्यवधान का असर एयरोफ्लोत की सहायक कंपनियों, रोसिया और पोबेडा, पर भी पड़ा है।


अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर

हालांकि अधिकांश प्रभावित उड़ानें घरेलू थीं, लेकिन इस व्यवधान के कारण बेलारूस, आर्मेनिया और उज़्बेकिस्तान जाने वाली कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी रद्द की गईं। एयरोफ्लोत ने यात्रियों को सूचित किया कि कंपनी की सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली में कुछ समस्याएँ आ रही हैं और यह व्यवधान आगे भी जारी रह सकता है। रूस के अभियोजक कार्यालय ने इस साइबर हमले के कारण उत्पन्न व्यवधान की पुष्टि की है और एक आपराधिक जांच शुरू कर दी है।