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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: मोदी ने किया गर्मजोशी से स्वागत

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की दो दिवसीय यात्रा शुरू की, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान, दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, और रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे। शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदुओं और भारत-रूस संबंधों के महत्व के बारे में।
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा: मोदी ने किया गर्मजोशी से स्वागत

पुतिन की भारत यात्रा का स्वागत

नई दिल्ली - रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया, जहां दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाकर अभिवादन किया। इसके बाद, वे एक ही वाहन में एयरपोर्ट से रवाना हुए।


सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वागत समारोह

स्वागत समारोह के दौरान, पुतिन ने एयरपोर्ट पर आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया और उसकी सराहना की। नई दिल्ली में उनके स्वागत के लिए विभिन्न स्थानों पर बैनर लगाए गए हैं, जो दोनों देशों के बीच के महत्वपूर्ण कूटनीतिक संबंधों को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने निवास पर पुतिन के लिए डिनर की मेज़बानी करेंगे, जो पिछले साल की उनकी मॉस्को यात्रा की याद दिलाता है। यह पुतिन की 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से पहली भारत यात्रा है।


भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन

शुक्रवार को होने वाला 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं। इस सम्मेलन में रक्षा सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार और ऊर्जा साझेदारी पर भी चर्चा की जाएगी। हैदराबाद हाउस में होने वाली औपचारिक बैठक से पहले, पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। इसके बाद, वे महात्मा गांधी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, पुतिन और मोदी के बीच डिनर के दौरान होने वाली बैठक को यात्रा के प्रमुख बिंदुओं में से एक माना जा रहा है।


बातचीत के प्रमुख मुद्दे

इस यात्रा के दौरान, पुतिन और मोदी द्विपक्षीय संबंधों और अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। व्यापार और आर्थिक सहयोग के प्रमुख पहलुओं पर भी बातचीत होगी, और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। दोनों राष्ट्राध्यक्ष 2030 तक आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए चर्चा करेंगे।


अन्य संभावित समझौते

इस दौरान, भारतीय कामगारों के रूस आने-जाने को सुगम बनाने से संबंधित एक समझौता भी होने की उम्मीद है। दोनों सरकारें यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर भी विचार कर सकती हैं, जिसे नई दिल्ली रणनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए आगे बढ़ा रहा है।


राजकीय भोज और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा

प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर सम्मेलन के बाद, राष्ट्रपति पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित एक राजकीय भोज में शामिल होंगे। इसके अलावा, वे रूस के सरकारी प्रसारक आरटी के भारत में कार्यालय का शुभारंभ करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा भारत और रूस के नेताओं को अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगी, साथ ही यह दोनों देशों की विशेष और मजबूत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का भी एक मौका है।


भारत-रूस संबंधों का महत्व

रूस, भारत का एक लंबे समय से विश्वसनीय साथी रहा है। भारत-रूस के संबंध भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अक्टूबर 2000 में "भारत-रूस सामरिक साझेदारी घोषणापत्र" पर हस्ताक्षर के बाद से, दोनों देशों के संबंधों ने नई ऊंचाई हासिल की है। अब दोनों देश राजनीति, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच सहयोग जैसे लगभग सभी क्षेत्रों में और करीब आए हैं।