रेवाड़ी पंचायत घोटाले में पूर्व सरपंच और अधिकारियों को 10 साल की सजा

पंचायत भ्रष्टाचार मामले में सजा
रेवाड़ी: रेवाड़ी जिले के करावरा मानकपुर पंचायत में हुए घोटाले के मामले में एक विशेष अदालत ने पूर्व सरपंच और दो पूर्व सरकारी अधिकारियों को कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों दोषियों को 10 साल की सजा दी है, जबकि उनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है। हालांकि, अदालत ने उम्र और स्वास्थ्य की दलीलों को खारिज कर दिया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सौरभ कुमार ने पूर्व सरपंच ईश्वर सिंह (75), पूर्व सर्वेयर अशोक कुमार (71) और पूर्व सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उदय भान (73) को सरकारी योजनाओं में गबन और धोखाधड़ी का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। इन पर सरकारी योजनाओं, जैसे हरियाली योजना के तहत तालाबों की खुदाई और नहर पाइपलाइन परियोजनाओं में गबन करने का आरोप था।
सजा के तहत विभिन्न धाराओं के तहत 10 साल का कठोर कारावास और जुर्माना लगाया गया है। इनमें धारा 467/120-बी (जालसाजी), धारा 468/120-बी (धोखाधड़ी), धारा 471/120-बी (जाली दस्तावेज का उपयोग), धारा 218/120-बी (गलत रिकॉर्ड बनाना), धारा 409/120-बी (आपराधिक विश्वासघात), और धारा 13(2)/120-बी (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) शामिल हैं।
करावरा मानकपुर पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं, जिसमें फर्जी हाजिरी रजिस्टर और सरकारी दस्तावेजों का निर्माण शामिल था। वर्ष 2016-17 में ईश्वर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में अन्य दो दोषियों के नाम भी शामिल थे।
पुलिस ने 2020 में अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिसके बाद तीनों को दोषी ठहराया गया। अदालत ने कहा कि अभियुक्तों ने सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र के तहत सरकारी धन का गबन किया, जो कि अत्यंत निंदनीय है।
दोषियों ने अदालत से नरमी की अपील की, जिसमें उन्होंने अपनी उम्र, स्वास्थ्य समस्याओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया। लेकिन अदालत ने कहा कि यदि ऐसे मामलों में वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी गई, तो यह एक खतरनाक मिसाल बनेगी।