रोहित शर्मा के लिए ब्रोन्को टेस्ट: क्या है इसकी सच्चाई?

रोहित शर्मा: भारतीय क्रिकेट में बदलाव
रोहित शर्मा: भारतीय क्रिकेट टीम में नए हेड कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं। हाल ही में खिलाड़ियों की फिटनेस की जांच के लिए 'ब्रोन्को टेस्ट' को लागू किया गया है। लेकिन पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उनके अनुसार, यह टेस्ट भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को वनडे क्रिकेट से बाहर करने की योजना का हिस्सा हो सकता है।
ब्रोन्को टेस्ट की प्रक्रिया
ब्रोन्को टेस्ट एक फिटनेस परीक्षण है, जो आमतौर पर रग्बी और फुटबॉल जैसे खेलों में उपयोग किया जाता है। यह टेस्ट खिलाड़ियों की सहनशक्ति और रिकवरी क्षमता को मापता है। इसमें खिलाड़ियों को 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की पांच शटल रन बिना रुके पूरी करनी होती हैं। कुल मिलाकर 1,200 मीटर की दूरी तय करने का समय रिकॉर्ड किया जाता है।
मनोज तिवारी का विवादास्पद बयान
मनोज तिवारी का सनसनीखेज दावा
क्रिकट्रैकर के साथ बातचीत में तिवारी ने कहा, "मुझे लगता है कि विराट कोहली को 2027 विश्व कप की योजनाओं से बाहर करना मुश्किल होगा लेकिन रोहित शर्मा के लिए ऐसा नहीं लगता। मुझे शक है कि यह ब्रोन्को टेस्ट रोहित जैसे खिलाड़ियों के लिए लाया गया है, जिन्हें भविष्य में टीम में नहीं रखना चाहते।"
रोहित शर्मा का क्रिकेट सफर
रोहित शर्मा का क्रिकेट करियर
रोहित शर्मा ने टेस्ट और टी20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और अब केवल वनडे क्रिकेट खेलते हैं। वह वर्तमान में भारतीय वनडे टीम के कप्तान हैं। चर्चा थी कि रोहित 2027 वनडे विश्व कप तक खेल सकते हैं लेकिन हाल की कुछ खबरों में कहा गया है कि वह अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के बाद संन्यास ले सकते हैं।
ब्रोन्को टेस्ट पर सवाल
ब्रोन्को टेस्ट का समय क्यों उठा रहा सवाल?
मनोज तिवारी ने ब्रोन्को टेस्ट के समय पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, "यह टेस्ट अब क्यों लाया गया? जब गौतम गंभीर ने कोच का पद संभाला था, तब यह क्यों नहीं शुरू किया गया? इस टेस्ट का विचार किसका था और इसे लागू करने वाला कौन है?" तिवारी का मानना है कि रोहित जैसे अनुभवी खिलाड़ी के लिए इस कठिन टेस्ट को पास करना आसान नहीं होगा।