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लखीमपुर खीरी में 20 रुपये के समोसे के विवाद में किशोर की मौत

लखीमपुर खीरी में 20 रुपये के समोसे के विवाद में एक किशोर की पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस मामले में होटल संचालक और किशोर के बीच विवाद की जड़ें गहरी हैं, जिसमें नशे की आदत भी शामिल है। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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लखीमपुर खीरी में 20 रुपये के समोसे के विवाद में किशोर की मौत

घटना का विवरण

लखीमपुर खीरी। जनपद के गोला कोतवाली क्षेत्र में 20 रुपये के समोसे को लेकर एक किशोर की पिटाई कर दी गई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। यह मामला गोला गोकर्ण नाथ थाना क्षेत्र का है, जहां 17 वर्षीय किशोर आलोक कुमार की 10 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। किशोर की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने शव को हाइवे पर रखकर प्रदर्शन करने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में कुछ ग्रामीण घायल भी हुए हैं।


विवाद की शुरुआत

यह घटना 27 अक्टूबर को हुई थी। भुसौरिया गांव के एक होटल में आलोक कुमार और होटल के मालिक मनोज वर्मा के बीच विवाद उत्पन्न हुआ। आलोक अक्सर होटल पर समोसा और मिर्च खाता था। उस दिन उसने मिर्च मांगी और पैसे बाद में देने की बात कही, जिस पर मनोज ने पुराने बकाया पैसे मांगे। इस पर विवाद बढ़ गया और दोनों के बीच मारपीट हुई। आलोक को पेट में गंभीर चोटें आईं। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने नानक चौकी पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में होटल मालिक और पीड़ित परिवार के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें होटल संचालक ने घायल किशोर के इलाज का खर्च उठाने का वादा किया, लेकिन उसने इलाज नहीं कराया।


प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

आलोक का इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। शाम को जब उसका शव भुसौरिया गांव पहुंचा, तो परिजनों ने शव रखकर हाइवे जाम करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कुछ ग्रामीण घायल हो गए। बाद में पुलिस के समझाने पर शव का अंतिम संस्कार किया गया।


पुलिस का बयान

गोला कोतवाल अम्बर सिंह ने कहा कि लाठीचार्ज नहीं हुआ है और मृतक किशोर पहले से ही नशे का आदी था। उन्होंने यह भी बताया कि जब पुलिस ने कार्रवाई करने को कहा, तो दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया। गुरुवार को जब आलोक का पेट फूल गया, तब उसे अस्पताल ले जाया गया। वहीं, आरोपी पक्ष अभी भी फरार है।