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ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से लिया संन्यास, फैंस में हैरानी

भारत के दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने अपने करियर की यात्रा को साझा करते हुए अपने परिवार और कोचों का आभार व्यक्त किया। ललित ने 2020 और 2024 ओलंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इस निर्णय से फैंस में हैरानी है। जानें उनके करियर के बारे में और उनकी उपलब्धियों के बारे में।
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ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से लिया संन्यास, फैंस में हैरानी

ललित उपाध्याय का संन्यास

नई दिल्ली - भारत को हॉकी में दो बार ओलंपिक मेडल दिलाने वाले ललित उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से अपने संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने अपने 'इंस्टाग्राम' अकाउंट पर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा, "मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी से अपने संन्यास की घोषणा करता हूं। यह यात्रा एक छोटे से गांव से शुरू हुई, जहां सीमित संसाधन थे, लेकिन सपने असीम थे। एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पोडियम पर खड़े होने तक, यह सफर चुनौतियों, विकास और अविस्मरणीय गौरव से भरा रहा है।"


उन्होंने आगे कहा, "26 साल बाद अपने शहर से ओलंपियन बनना मेरे लिए गर्व और कृतज्ञता का विषय है। मैं अपने परिवार का आभारी हूं, जिन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया।" ललित ने अपने भावुक संदेश में अपने पहले कोच परमानंद मिश्रा का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें हॉकी से परिचित कराया। इसके अलावा, उन्होंने हरिंदर सर, समीर भाई और धनराज सर का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके करियर में मार्गदर्शन किया।


ललित उपाध्याय, जो 2014 में सीनियर नेशनल टीम में शामिल हुए थे, 'अर्जुन अवॉर्ड' और 'लक्ष्मण पुरस्कार' से भी सम्मानित हैं। उन्होंने अपना अंतिम मैच 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। वाराणसी के निवासी ललित ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2024 ओलंपिक में भी इसी तरह की सफलता हासिल की।