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लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति पर विवाद

स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में आयोजित समारोह में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने पिछले वर्ष की सीटिंग व्यवस्था से असंतोष जताते हुए इस बार कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और सीटिंग व्यवस्था में बदलाव के कारण।
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लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति पर विवाद

लाल किले में सीटिंग विवाद

लाल किला समारोह में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को लाल किले में आयोजित मुख्य समारोह में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। हालांकि, कांग्रेस या दोनों नेताओं की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने पिछले वर्ष की सीटिंग व्यवस्था से असंतोष जताते हुए इस बार कार्यक्रम में भाग नहीं लिया।


राहुल गांधी और खड़गे ने सोशल मीडिया के माध्यम से देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने लिखा कि यह आजादी महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का परिणाम है और हमारा संकल्प है कि हम न्याय, सत्य और समानता पर आधारित भारत का निर्माण करेंगे। वहीं, खड़गे ने इसे स्वतंत्रता, न्याय, समानता और बंधुत्व के मूल्यों को पुनः समर्पित करने का अवसर बताया।


बीजेपी प्रवक्ता का हमला

शहजाद पूनावाला ने किया हमला


खड़गे ने कांग्रेस मुख्यालय में और राहुल गांधी ने नई दिल्ली के इंदिरा भवन में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया। इस बीच, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अनुपस्थिति लाल किले के राष्ट्रीय उत्सव से देश और सेना का अपमान है।


सीटिंग व्यवस्था में बदलाव का मुद्दा

सीटिंग व्यवस्था में बदलाव


पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राहुल गांधी को अंतिम पंक्ति में बैठाया गया था, जबकि परंपरा के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को आगे की पंक्ति में स्थान दिया जाता है। उस समय यह मुद्दा विवाद का कारण बना था। रक्षा मंत्रालय ने तब स्पष्ट किया था कि ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मान देने के लिए सीटिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया था। उस समय राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठे थे, जबकि उनसे आगे भारतीय ओलंपिक पदक विजेता और अन्य खिलाड़ी मौजूद थे।


खिलाड़ियों को सम्मानित करने का उद्देश्य

खिलाड़ियों को सम्मानित करना था उद्देश्य


कांग्रेस ने उस समय भी इसे अपमान बताया था। केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि ओलंपिक खिलाड़ियों को सम्मान देना उचित है, लेकिन कैबिनेट मंत्रियों को आगे की पंक्ति में कैसे बैठाया गया। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि खिलाड़ियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से इस वर्ष भी सीटिंग व्यवस्था प्रोटोकॉल और प्राथमिकता सूची के आधार पर की गई थी।