लालू यादव के परिवार में बढ़ते मतभेद: रोहिणी आचार्य का बयान
परिवार में मतभेदों का खुलासा
बिहार चुनाव में राजद की हार के बाद, लालू यादव के परिवार में मतभेद अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं। रोहिणी आचार्य ने रविवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने केवल अपने भाई को त्यागा है, न कि अपने माता-पिता को।
पिता का समर्थन
रोहिणी ने बताया कि उनके पिता लालू यादव हमेशा उनके साथ खड़े रहे हैं और उनके माता-पिता तथा बहनों ने उनके निर्णयों में पूरा सहयोग किया है। राजनीतिक हलकों में यह विवाद राजद की गिरती स्थिति के बीच और गंभीर माना जा रहा है।
भाई से दूरी
रोहिणी आचार्य ने स्पष्ट किया कि उन्होंने जो भी कहा है, वह सत्य है। उनके अनुसार, परिवार में बलिदान की जिम्मेदारी भाइयों की होती है और वे केवल अपने भाई से दूरी बना रही हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव, संजय यादव, राचेल यादव और रमीज से इस मामले पर सवाल उठाने की बात कही।
माता-पिता का समर्थन
रोहिणी ने कहा कि शनिवार को उनके माता-पिता और बहनें उनके लिए रो रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ऐसे माता-पिता मिले हैं जो हर परिस्थिति में उनके साथ रहते हैं। वे मुंबई जा रही हैं, जहां उनके ससुरालवाले रहते हैं, और उनकी सास उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
तेजस्वी के करीबी पर आरोप
रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज की वजह से उन्होंने राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि परिवार में उन्हें वंचित कर दिया गया और यह उनकी सबसे बड़ी गलती थी कि उन्होंने सिंगापुर में अपने पिता के लिए किडनी दान देने से पहले अपने पति या ससुराल से अनुमति नहीं ली।
तेज प्रताप का समर्थन
इस विवाद पर केवल तेज प्रताप यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने रोहिणी का समर्थन करते हुए कहा कि वे अपनी बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह परिवार के भीतर बढ़ते तनाव का संकेत माना जा रहा है।
राजद की चुनावी हार
यह पारिवारिक विवाद उस समय उभरा है जब राजद को हालिया चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। बिहार विधानसभा चुनावों में पार्टी केवल 25 सीटें ही जीत सकी, जबकि 2015 और 2020 में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राजनीतिक विशेषज्ञ इस विवाद को राजद के मनोबल और भविष्य की रणनीति पर बड़ा असर मान रहे हैं।
