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लालू यादव के लिए महत्वपूर्ण दिन: लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट का फैसला

बिहार चुनाव में हार के बाद, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप तय करने का फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में 14 आरोपी हैं, जिसमें लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी शामिल हैं। सीबीआई का आरोप है कि लालू ने अपने पद का दुरुपयोग कर नौकरी के बदले जमीन ली। आज का फैसला न केवल उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि बिहार की राजनीति में भी हलचल पैदा कर सकता है।
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लालू यादव के लिए महत्वपूर्ण दिन: लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट का फैसला

लालू प्रसाद यादव और परिवार के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण


बिहार चुनाव में हार के बाद, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट 4 दिसंबर को लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप तय करने का निर्णय सुनाने वाला है। इस मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी सहित 14 आरोपी शामिल हैं। सीबीआई का आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने अपने पद का दुरुपयोग कर नौकरी के बदले जमीन ली।


दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप तय करने के संबंध में अपना निर्णय सुनाएगी। यह फैसला परिवार की राजनीतिक छवि और भविष्य की रणनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।


पिछली सुनवाई में क्या हुआ था

इस मामले की पिछली सुनवाई 10 नवंबर को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने सबूतों और दस्तावेजों की गहन समीक्षा की आवश्यकता बताई थी। इसी कारण से फैसला 4 दिसंबर तक टाल दिया गया था। इससे पहले, कोर्ट ने 25 अगस्त को आरोप तय करने पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। आज का फैसला इस हाई-प्रोफाइल केस में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ी है।


सीबीआई के आरोप और केस की मुख्य बातें

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच नियमों का उल्लंघन करते हुए नौकरी दी। एजेंसी का दावा है कि ग्रुप-डी की भर्तियों के बदले उम्मीदवारों की जमीनें लालू परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम ट्रांसफर की गईं।


सीबीआई के अनुसार, यह मामला साजिश के तहत हुआ, जिसमें सरकारी पद का दुरुपयोग कर लाभ उठाया गया। कई दस्तावेज और बयान सबूत के रूप में पेश किए गए हैं।


राबड़ी देवी ने जज पर आरोप लगाए

सुनवाई के दौरान, राबड़ी देवी ने केस की अध्यक्षता कर रहे जज विशाल गोगने पर पक्षपात का आरोप लगाया था। उन्होंने कोर्ट से जज बदलने की मांग की, जिसके बाद न्यायालय ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा। यह आरोप मामले को और संवेदनशील बना देता है।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम परिवार की ओर से न्यायिक प्रक्रिया के प्रति असंतोष का संकेत है। कोर्ट का रुख अब इस मामले में आगे की दिशा तय करेगा।


किस-किस पर है अदालत की निगाह

राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित कुल 14 आरोपियों पर आरोप तय कर चुकी है। कोर्ट ने माना कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते ही यह साजिश रची गई। सीबीआई ने बताया कि ग्रुप-डी नौकरी देने के बदले सस्ते दाम पर जमीन खरीदी गई और बाद में इसे राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर ट्रांसफर किया गया। आज का फैसला यह तय करेगा कि मामले की सुनवाई आगे कैसे बढ़ेगी।


आज के फैसले से क्या बदल सकता है

आज का कोर्ट का फैसला राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। यदि आरोप तय होते हैं, तो लालू परिवार के लिए आने वाले दिनों में कानूनी लड़ाई और कठिन हो सकती है। बिहार की राजनीति पहले से तनाव में है और यह फैसला सियासी माहौल को और गर्मा सकता है।


दूसरी ओर, यदि निर्णय राहत देता है, तो आरजेडी के लिए यह मनोबल बढ़ाने वाला पल हो सकता है। सभी की नजरें आज के फैसले पर टिकी हैं।