लालू यादव ने पार्टी एकता पर जोर दिया, पारिवारिक विवादों को नजरअंदाज करने की अपील की
लालू यादव का पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश
पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों से एकता बनाए रखने और प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आंतरिक पारिवारिक विवादों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
पटना में आयोजित पार्टी विधायकों की बैठक में लालू ने कहा कि यह एक पारिवारिक मामला है और इसे परिवार के भीतर ही सुलझाया जाएगा। उन्होंने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी तत्परता भी जताई। बैठक में सर्वसम्मति से उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजद विधायक दल का नेता चुना गया।
रोहिणी आचार्य के आरोपों का संदर्भ
रोहिणी आचार्य ने उठाए गंभीर सवाल
लालू प्रसाद की यह टिप्पणी उनकी बेटी रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पर दिए गए बयान के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने राजनीति छोड़ने की घोषणा की और परिवार से अलगाव की बात कही। 46 वर्षीय रोहिणी ने अपने इस निर्णय का श्रेय पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय यादव और तेजस्वी यादव के सहयोगी रमीज़ को दिया है। राजद ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों में केवल 25 सीटें जीती हैं, जो पिछले एक दशक में पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन है।
इसके एक दिन बाद, रोहिणी की तीन बहनें, चंदा, रागिनी और हेमा भी लालू के घर से चली गईं, उनका कहना था कि परिवार में भरोसा टूट गया है और बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।
रोहिणी आचार्य का परिचय
रोहिणी आचार्य कौन हैं?
रोहिणी आचार्य, जो एक डॉक्टर हैं, लालू प्रसाद की दूसरी बेटी हैं और तेजस्वी व तेजप्रताप यादव की बड़ी बहन हैं। वह पाटलिपुत्र से राजद विधायक मीसा भारती की छोटी बहन भी हैं। आचार्य ने 2024 के आम चुनाव में सारण से चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा था।
सोमवार को पार्टी की बैठक में मीसा भारती ने भी अपने पिता के संदेश को दोहराया। उन्होंने कहा कि पारिवारिक मुद्दों के बजाय एनडीए के वादों जैसे एक करोड़ नौकरियां पैदा करना, जीविका दीदियों को 2 लाख रुपये की सहायता और बिहार के औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
