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लियाम डॉसन की टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी

इंग्लैंड के स्पिन-ऑलराउंडर लियाम डॉसन ने 35 वर्ष की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी की है। मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के पहले दिन, उन्होंने भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का महत्वपूर्ण विकेट लिया। डॉसन ने अपनी गेंदबाजी में सुधार और अनुभव के बारे में बात की, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। जानें उनके क्रिकेट करियर की इस नई शुरुआत के बारे में।
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लियाम डॉसन की टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी

ENG vs IND 4th Test: लियाम डॉसन की वापसी

ENG vs IND 4th Test: इंग्लैंड के स्पिन-ऑलराउंडर लियाम डॉसन ने मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के पहले दिन शानदार प्रदर्शन किया। 35 वर्ष की आयु में टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हुए, डॉसन ने बताया कि उन्हें लगा था कि उनका टेस्ट करियर समाप्त हो चुका है। आठ साल बाद टेस्ट टीम में शामिल होने वाले डॉसन ने भारतीय बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का महत्वपूर्ण विकेट लिया और अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। 


डॉसन ने 2016 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था, जब करुण नायर ने तिहरा शतक बनाया था। लेकिन इसके बाद वह केवल तीन टेस्ट खेल सके और 2017 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नॉटिंघम टेस्ट के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इसके बाद, 8 वर्षों तक उन्हें टेस्ट क्रिकेट में खेलने का मौका नहीं मिला। लॉर्ड्स टेस्ट के बाद शोएब बशीर की चोट के कारण, 35 वर्ष की आयु में उन्हें मैनचेस्टर टेस्ट के लिए इंग्लैंड की टीम में शामिल किया गया। 


पहले दिन लियाम डॉसन का प्रदर्शन

पहले दिन चमके लियाम डॉसन


मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन डॉसन ने अपनी गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने 15 ओवर में 45 रन देकर 1 विकेट लिया और यशस्वी जायसवाल (58 रन) को आउट किया। जायसवाल ने 107 गेंदों में संयमित पारी खेली, लेकिन डॉसन ने उन्हें पवेलियन भेजकर भारत को बड़ा झटका दिया।


डॉसन का आत्मविश्वास और अनुभव

अब मैं बेहतर गेंदबाज हूं: डॉसन


डॉसन ने अपनी गेंदबाजी के बारे में कहा, "मैं अब पहले से ज्यादा एकसमान गेंदबाजी करता हूं। मैं पिच को बेहतर समझता हूं और बल्लेबाजों की रणनीति को पढ़ लेता हूं। पिछले कुछ वर्षों में मैंने बहुत गेंदबाजी की है, जिससे मेरी स्किल्स में सुधार हुआ है।" उन्होंने यह भी बताया कि उम्र के साथ उनकी गेंदबाजी में निखार आया है। उन्होंने कहा, "उम्र के साथ आप खेल की परिस्थितियों को बेहतर तरीके से संभालना सीखते हैं। मैंने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे ओवर फेंके हैं, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। कुछ दिन मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अब पहले से बेहतर गेंदबाज हूं।"