लुधियाना में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने उठाए कदम

भारी बारिश से सतलुज नदी में बाढ़ का खतरा
लुधियाना - हालिया भारी बारिश के चलते भाखड़ा डैम से पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज नदी में जल प्रवाह तेज हो गया है। जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। साहनेवाल विधानसभा क्षेत्र के ससराली कॉलोनी के निकट सतलुज बांध की स्थिति गंभीर हो गई है, जिससे बांध टूटने का खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन पिछले कुछ दिनों से बांध को सुरक्षित करने के प्रयास में जुटा हुआ है, जबकि सेना और अन्य टीमें भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जिला प्रशासन ने सेना को सूचित कर दिया है और आसपास के गांवों के निवासियों को अपने पशुओं का ध्यान रखने की सलाह दी है।
जिला प्रशासन रात भर बांध को मजबूत करने में लगा रहा। यदि सतलुज का जलस्तर और बढ़ता है, तो लुधियाना के 14 गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड और समराला चौक तक पानी पहुंच सकता है। इसके अलावा, साहनेवाल के धनांसू क्षेत्र में भी जलभराव की संभावना है, जिससे 50,000 से अधिक लोग प्रभावित हो सकते हैं। डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने ससराली में धुस्सी बांध की स्थिति का निरीक्षण किया और लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन, भारतीय सेना, NDRF और स्थानीय ग्रामीण यहां चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर बहने वाली घग्गर नदी में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने सेना की सहायता से हरचंदपुरा गांव के पास कमजोर घग्गर तटबंध को मजबूत कर दिया है।
अमृतसर में रावी नदी के किनारे रमदास क्षेत्र में जल स्तर अब घटने लगा है। 70 प्रतिशत क्षेत्र से पानी कम हो चुका है। अगले पांच दिनों में अमृतसर में बारिश की संभावना बहुत कम है। इसे देखते हुए रावी नदी के टूटे धुस्सी बांध को फिर से बनाने का कार्य शुरू हो गया है। इसी बीच, भारतीय सेना ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।