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वक्फ संशोधन बिल 2024: लोकसभा में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

वक्फ संशोधन बिल 2024 ने बुधवार को लोकसभा में हंगामे का माहौल बना दिया। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसे पेश किया, जबकि विपक्ष ने इसे असंवैधानिक बताते हुए वॉकआउट किया। जानें एनडीए की स्थिति, समर्थन करने वाली पार्टियों और विरोध करने वाले दलों के बारे में। क्या यह बिल पारित होगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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विवादास्पद वक्फ संशोधन बिल का लोकसभा में हंगामा

विवादास्पद वक्फ संशोधन बिल 2024 ने बुधवार को लोकसभा में हंगामे का माहौल बना दिया। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसे चर्चा और पारित करने के लिए सदन में पेश किया, जबकि विपक्ष ने लगातार हंगामा करते हुए इसका विरोध किया। विपक्ष में भारतीय ब्लॉक की पार्टियां शामिल थीं, जिन्होंने मंगलवार को इस विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए सदन से वॉकआउट किया।


विपक्ष का वॉकआउट

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बीएसी की बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बिल को लेकर तीखी बहस हुई। कांग्रेस और अन्य भारतीय ब्लॉक के सदस्यों ने सरकार पर उनकी आवाज़ दबाने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया। हालांकि, राजनीतिक तनाव और बहस की लंबाई का नतीजे पर असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास लोकसभा में मजबूत बहुमत है।


लोकसभा में एनडीए की संख्या

लोकसभा में 542 सदस्यों में से एनडीए के पास 293 सीटें हैं। भाजपा अक्सर स्वतंत्र सदस्यों और छोटी पार्टियों से समर्थन प्राप्त करने में सफल रही है। वक्फ संशोधन विधेयक को कानून बनने के लिए पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में पारित होना होगा, उसके बाद राष्ट्रपति द्वारा उस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।


वक्फ बिल का समर्थन करने वाली पार्टियां

भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त है, जहां विधेयक पारित करने के लिए 272 मतों की आवश्यकता होती है। एनडीए के 293 सांसदों में से भाजपा के 240 सदस्य हैं, इसके अलावा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के 16, जनता दल (यूनाइटेड) के 12, शिवसेना के 7, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 5 और अन्य दलों के दो-दो सदस्य हैं।


जेडीयू-टीडीपी का रुख

जेडीयू और टीडीपी ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। ऐसे में बीजेपी को लोकसभा में बिल पास कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी। जेडीयू ने अपने सभी लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी ने केंद्र के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है और उन्हें उम्मीद है कि उनका समाधान किया जाएगा।


वक्फ बिल का विरोध

विपक्षी दलों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है और इसे असंवैधानिक तथा मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए हानिकारक बताया है। कई प्रमुख मुस्लिम संगठन इस विधेयक के खिलाफ सक्रिय रूप से समर्थन जुटा रहे हैं। कांग्रेस के पास लोकसभा में 99 सीटें हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के 37, टीएमसी के 28, डीएमके के 22, और अन्य दलों के भी कई सदस्य हैं।


वक्फ संशोधन विधेयक की पृष्ठभूमि

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी है, जिसमें संयुक्त संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए बदलाव शामिल हैं। विधेयक को पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में पेश किया था और इसे अगस्त 2024 में जेपीसी को भेजा गया था। संसदीय पैनल ने समिति के सभी 11 विपक्षी सांसदों की आपत्तियों के बावजूद बहुमत से रिपोर्ट को अपना लिया।