विजय माल्या का कर्ज चुकाने का दावा गलत, सरकार ने दी स्पष्ट प्रतिक्रिया
सरकार और बैंकों की प्रतिक्रिया
नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के हालिया दावे पर सरकार और बैंकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। माल्या ने कहा था कि उन्होंने बैंकों का पूरा कर्ज चुका दिया है, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उनके ऊपर अभी भी 6,997 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
माल्या का कहना है कि उन्होंने 14,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने केवल मूलधन का उल्लेख किया है। किसी भी कर्ज में ब्याज और पेनल्टी भी शामिल होती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
किंगफिशर एयरलाइंस का एनपीए
2013 में किंगफिशर एयरलाइंस का एनपीए 6,848 करोड़ रुपये था, जो अप्रैल 2024 तक ब्याज और शुल्क के साथ बढ़कर 17,781 करोड़ रुपये हो जाएगा। अब तक, माल्या की संपत्तियों की बिक्री से बैंकों ने 10,815 करोड़ रुपये की वसूली की है, लेकिन अभी भी 6,997 करोड़ रुपये की राशि बाकी है।
सरकार की स्थिति
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माल्या ने केवल मूल राशि का हवाला देकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। कर्ज तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक उसका पूरा ब्याज और जुर्माना भी अदा न किया जाए। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंकों की वसूली नीति सभी कर्जदारों के लिए समान है।
माल्या द्वारा लगाए गए भेदभाव और मीडिया दबाव के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। किंगफिशर को दिए गए कुछ कर्जों का पुनर्गठन भी जांच के दायरे में है। आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
सरकार और बैंक अब माल्या को भारत लाने के लिए कानूनी उपायों को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं ताकि बाकी बचे कर्ज की वसूली की जा सके और देश की वित्तीय प्रणाली पर लोगों का विश्वास बना रहे।
