विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम ने फाइनल में बनाई जगह

क्वालीफिकेशन राउंड का रोमांच
17 सितंबर का दिन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की भाला फेंक क्वालीफिकेशन के लिए विशेष रूप से यादगार रहा। यह दिन नीरज चोपड़ा के पहले थ्रो और अरशद नदीम के अंतिम थ्रो की कहानी बन गया। दोनों एथलीटों ने अपने-अपने तरीके से फाइनल में जगह बनाई, लेकिन इस सफर में कई उतार-चढ़ाव आए, जिसने टोक्यो के दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
नीरज चोपड़ा का शानदार प्रदर्शन
गत चैंपियन नीरज चोपड़ा इस सीज़न में फॉर्म में संघर्ष कर रहे थे, लेकिन क्वालीफिकेशन राउंड में उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले ही थ्रो में 84.85 मीटर की दूरी तय की, जो स्वचालित क्वालीफिकेशन मार्क (84.50 मीटर) से अधिक थी। नीरज का आत्मविश्वास इस दिन स्पष्ट था, और उन्होंने बिना किसी दबाव के भाला फेंका।
उन्होंने मीडिया से कहा कि उनका लक्ष्य पहले थ्रो में फाइनल की जगह सुनिश्चित करना था ताकि वह फाइनल से पहले आराम कर सकें। हालांकि वह अपनी दूरी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे, लेकिन किसी अन्य खिलाड़ी ने उन्हें पहले राउंड में नहीं पछाड़ा। डायमंड लीग चैंपियन जूलियन वेबर केवल 82.29 मीटर तक ही पहुंच सके।
सचिन यादव की उम्मीदें
नीरज के साथ सचिन यादव ने भी उम्मीद जगाई। उन्होंने 83.67 मीटर की शानदार थ्रो की, जो उनके हाल के प्रदर्शन से बेहतर थी। हालांकि, ग्रुप में छठे स्थान पर रहते हुए उन्हें ग्रुप बी के परिणामों का इंतजार करना पड़ा। जूलियन वेबर ने दूसरे प्रयास में 87.21 मीटर फेंककर क्वालीफाई किया, जबकि पोलैंड के डेविड वेगनर ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ 85.67 मीटर थ्रो किया।
अरशद नदीम की अंतिम क्षणों में वापसी
ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम से सभी को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उनका पहला थ्रो केवल 76.99 मीटर और दूसरा 74.17 मीटर तक ही गया। जब ऐसा लग रहा था कि वह फाइनल में नहीं पहुंच पाएंगे, तब उन्होंने अंतिम थ्रो में 85.28 मीटर की दूरी तय की और फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। अनुभवी जूलियस येगो ने 85 मीटर से अधिक फेंककर सबका ध्यान खींचा, जबकि एंडरसन पीटर्स ने 89.53 मीटर के थ्रो के साथ दिन का सबसे बड़ा स्कोर दर्ज किया।
फाइनल की तैयारी
फाइनल में जगह बनाने वाले दावेदारों में नीरज चोपड़ा, अरशद नदीम, जूलियन वेबर, एंडरसन पीटर्स, जूलियस येगो और डेविड वेगनर शामिल हैं। इस बार फाइनल में कोई स्पष्ट पसंदीदा नहीं है, जिससे प्रतियोगिता और भी रोमांचक हो गई है। 18 सितंबर को दोपहर 3:30 बजे होने वाला पुरुषों का भाला फेंक फाइनल एक ऐतिहासिक मुकाबला साबित हो सकता है, जहां हर खिलाड़ी स्वर्ण पदक के लिए पूरी ताकत लगाएगा। भारतीय प्रशंसकों की निगाहें नीरज पर टिकी हैं, लेकिन यह फाइनल किसी भी दिशा में जा सकता है।