वैरामुथु के विवादास्पद बयान पर BJP का तीखा विरोध: क्या है मामला?

वैरामुथु का बयान और राजनीतिक हलचल
वैरामुथु का बयान: तमिलनाडु के प्रसिद्ध गीतकार और कवि वैरामुथु ने भगवान राम पर एक विवादास्पद टिप्पणी की है, जिसने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। एक साहित्यिक समारोह में उन्होंने कहा कि माता सीता से अलग होने के बाद भगवान राम ने 'अपना होश खो दिया था'। इस बयान को लेकर बीजेपी ने उन पर हिंदू आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।
यह कार्यक्रम उस समय आयोजित किया गया था जब वैरामुथु को मध्यकालीन तमिल कवि कंबर के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कंबर ने रामायण का तमिल संस्करण 'कंब रामायण' लिखा था। इसी मंच से वैरामुथु की टिप्पणी ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया।
वैरामुथु का बयान और IPC का संदर्भ
कार्यक्रम में वैरामुथु ने कहा कि सीता से अलग होने के बाद राम ने अपना होश खो दिया था, और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 84 का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति मानसिक विकार की स्थिति में कोई कार्य करता है, तो वह अपराध नहीं माना जाता। उन्होंने यह भी कहा कि कंबर शायद कानून नहीं जानते थे, लेकिन वे समाज और मानव मन को अच्छी तरह समझते थे। राम को निर्दोष मानते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें क्षमा कर दिया गया है, जिससे राम को इंसान और कंबर को ईश्वर जैसा बना दिया जाता है।
கம்பன் கழகத்தின்
— வைரமுத்து (@Vairamuthu) August 9, 2025
பொன்விழாவில்
ஆழ்வார்கள்
ஆய்வுமையம் நிறுவிய
கவிச்சக்கரவர்த்தி
கம்பர் விருதை
மாண்புமிகு முதலமைச்சர்
மு.க.ஸ்டாலின் அவர்கள்
எனக்கு வழங்கினார்
"மறைந்து நின்று
அம்பெய்து கொன்ற ராமனை
வால்மீகி மன்னிக்கவில்லை;
அம்பு வீசப்பட்ட வாலியும்
மன்னிக்கவில்லை;
அந்தப் பழியை உலகமும்… pic.twitter.com/FAvHggu1lT
BJP का कड़ा विरोध
भाजपा नेता सी.आर. केसवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर वैरामुथु के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा कि वैरामुथु बार-बार हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने कंब रामायण की गलत व्याख्या कर भगवान राम के बारे में ऐसा कहा। केसवन ने यह भी कहा कि वैरामुथु को करोड़ों राम भक्तों और हिंदू धर्म से माफी मांगनी चाहिए।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विवाद
यह ध्यान देने योग्य है कि इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी उपस्थित थे। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में इस तरह के बयान से राज्य सरकार की सोच भी उजागर होती है, जबकि DMK की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।