शशि थरूर की आम पार्टी: कूटनीति का नया रंग

थरूर की आम पार्टी में कूटनीति का प्रभाव
कांग्रेस के तिरूवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर हर साल आम की पार्टी का आयोजन करते हैं, लेकिन इस बार का आयोजन कुछ विशेष था। इस बार की पार्टी में राजनीतिक गतिविधियों की तुलना में कूटनीति का अधिक प्रभाव देखने को मिला। ऐसा प्रतीत होता है कि थरूर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में लगे हुए हैं। आमतौर पर उनकी पार्टी में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल होते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने बड़ी संख्या में राजनयिकों को आमंत्रित किया था। थरूर ने दुनिया भर के देशों के दूतावासों के अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाया, और वे भी इस आयोजन में शामिल हुए। कहा जा रहा है कि थरूर ने हाल ही में पहलगाम कांड और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए भारत के एक डेलिगेशन का नेतृत्व किया था, जिसके बाद से वे अपने अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को फिर से मजबूत कर रहे हैं।
डेलिगेशन की वापसी के बाद, थरूर ने कई देशों का दौरा किया, जहां उन्हें भारत के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित किया गया और उन्होंने भारत के मुद्दों को उठाया। माना जा रहा है कि आम की पार्टी में विदेशी मेहमानों और राजनयिकों को आमंत्रित करके थरूर ने यह संदेश दिया है कि वे एक प्रभावी विदेश मंत्री बन सकते हैं। हालांकि, हाल के दिनों में उनके भाजपा में शामिल होने और विदेश मंत्री बनने की चर्चाएं कम हो गई हैं। थरूर की आम पार्टी में कांग्रेस के कुछ नेता पहुंचे, लेकिन वे सभी केरल से थे और उनका उद्देश्य यह जानना था कि पार्टी में क्या चल रहा है और कौन लोग उपस्थित हैं। कांग्रेस नेताओं की उपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि थरूर अब पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं।