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शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में बढ़ी मुश्किलें

शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में आवेदकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कई लोग एजेंटों की मदद लेने को मजबूर हैं, जो अतिरिक्त पैसे वसूल कर रहे हैं। आरटीए अधिकारियों का कहना है कि सर्वर की समस्या और कर्मचारियों की कमी है, लेकिन इससे आम जनता की परेशानियाँ कम नहीं हो रही हैं। लोग परिवहन विभाग से सुधार की मांग कर रहे हैं ताकि बिना किसी परेशानी के लाइसेंस प्राप्त किया जा सके।
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शहर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में बढ़ी मुश्किलें

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए लंबा इंतजार

शहर में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) प्राप्त करना अब एक बड़ी चुनौती बन गई है। आवेदकों को ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्लॉट बुक करने में तीन से चार महीने का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे वे काफी परेशान हैं। यह समस्या नए लाइसेंस बनवाने वालों के साथ-साथ अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वालों के लिए भी है। खैरताबाद, मेडचल, उप्पल और इब्राहिमपटनम जैसे प्रमुख क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) कार्यालयों में स्थिति सबसे खराब है।
इस प्रणाली की खामियों का फायदा दलाल और एजेंट उठा रहे हैं, जो जल्दी स्लॉट बुक कराने के नाम पर आवेदकों से 2,000 से 3,000 रुपये तक की अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं। मजबूरी में, कई लोग इन एजेंटों को पैसे देने के लिए मजबूर हो रहे हैं। एक आवेदक, मोहम्मद अहमद ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, "मैंने लर्निंग लाइसेंस तो आसानी से बनवा लिया, लेकिन परमानेंट लाइसेंस के स्लॉट के लिए महीनों से इंतजार कर रहा हूँ। जब भी वेबसाइट पर स्लॉट बुक करने की कोशिश करता हूँ, तो वे तुरंत भर जाते हैं। अंत में, मुझे एक एजेंट को पैसे देने पड़े।"
आरटीए अधिकारियों से बात करने पर, वे 'सर्वर की समस्या' और 'कर्मचारियों की कमी' का हवाला देते हैं। लेकिन इन दलीलों से आम जनता की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि परिवहन विभाग इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और प्रक्रिया को सुचारू बनाए, ताकि उन्हें दलालों के चंगुल से छुटकारा मिल सके और बिना परेशानी के उनका लाइसेंस बन सके।