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शादी की खुशियों में आई भयानक बाधा: तेज रफ्तार बोलेरो ने ली आठ जिंदगियां

एक शादी समारोह में तेज रफ्तार बोलेरो के अनियंत्रित होने से दूल्हे समेत आठ लोगों की जान चली गई। यह हादसा बारात के विदाई के महज 10 मिनट बाद हुआ, जिससे पूरा गांव शोक में डूब गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन अत्यधिक गति से चल रहा था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक कठोर चेतावनी है।
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शादी की खुशियों में आई भयानक बाधा: तेज रफ्तार बोलेरो ने ली आठ जिंदगियां

दुखद हादसा शादी के जश्न में

यूपी न्यूज : एक शादी समारोह की खुशियों का माहौल अचानक एक दर्दनाक घटना में बदल गया, जब एक तेज रफ्तार बोलेरो अनियंत्रित होकर जनता इंटर कॉलेज की दीवार से टकरा गई। इस भयानक दुर्घटना में दूल्हे सहित आठ लोगों की जान चली गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा बारात के विदाई के महज 10 मिनट बाद हुआ, जिससे पूरा गांव शोक में डूब गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बोलेरो अत्यधिक गति से चल रही थी, जो अनियंत्रित होकर पलट गई और फिर कॉलेज की दीवार से टकरा गई। वाहन में कुल दस लोग सवार थे; आठ की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए।


शादी की धूम और अचानक आई विपत्ति

जुनावई थाना क्षेत्र के हरगोविंदपुर गांव में शुक्रवार सुबह शादी का जश्न मनाया जा रहा था। बदायूं जिले के बिल्सी थाना क्षेत्र के सिरासौल गांव में दूल्हे सूरज की शादी तय थी। महिलाएं पारंपरिक मंगलगीत गा रही थीं, बच्चे बैंड की धुन पर नाच रहे थे, और घर में खुशियों का माहौल था।


सात फेरों का सपना चुराया इस हादसे ने

शाम करीब 7 बजे सूरज ने घुड़चढ़ी की रस्म पूरी की और अपने परिवार के साथ बोलेरो में सवार होकर रवाना हुए। कार में उनकी भाभी आशा (26), दो साल की भतीजी ऐश्वर्या, एक साल का गणेश, कोमल और अन्य रिश्तेदार भी थे। लेकिन कुछ ही मिनटों में जश्न का माहौल गमगीन हो गया। घर से नए जीवन की शुरुआत करने निकले थे, किसी ने नहीं सोचा था कि यह सफर अंतिम होगा। बोलेरो में बज रहा खुशी का संगीत कुछ ही दूर जाकर सन्नाटे में बदल गया। माएं मंगलगीत गा रही थीं, और गांव में मातम का पहला शोर उठ चुका था। जिस घड़ी बारात पहुंचनी थी, उसी घड़ी शव लौटने लगे।


बचाव कार्य जारी, घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया

पुलिस और बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे। कॉलेज के गेट को तोड़ने और क्षतिग्रस्त वाहन के अंदर फंसे पीड़ितों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया गया। सभी को आपातकालीन देखभाल के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर घायलों को अलीगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन त्रासदी जारी रही: दूल्हे की बहन मधु, ड्राइवर रवि और बहनोई सचिन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जीवित बचे दो लोगों में से, मृतक बच्चे गणेश के पिता देवा की हालत गंभीर है, जबकि हिमांशी की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।


पुलिस की जांच: नियंत्रण खोने का कारण

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि चालक ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया था। दुर्घटना की विस्तृत जांच जारी है। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और अधिकारी शोक संतप्त परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।


गांव में शोक: जश्न का समापन मौन में

हरगोविंदपुर गांव में अब केवल मातम और चीख पुकार सुनाई दे रही है। सुबह शादी के गीतों से गुलजार रहने वाला घर शाम होते-होते मातम में बदल गया। एक साथ आठ शवों का मिलना पूरे गांव के लिए दिल दहला देने वाला दृश्य था। इस भयानक दुर्घटना ने अपने पीछे एक दर्दनाक याद छोड़ दी है - जिसने न केवल एक परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। यह एक और कठोर चेतावनी है कि लापरवाह गति और लापरवाही का एक पल अपूरणीय जीवन को खत्म कर सकता है।