शादी की सालगिरह पर गाय को गुड़ खिलाकर शिक्षक दंपति ने दिया सेवा का संदेश

गाय को गुड़ खिलाकर मनाई शादी की सालगिरह
(चर्की दादरी समाचार) बाढड़ा। आज के तेज़ी से बदलते समय में कुछ लोग अपने विशेष अवसरों को पारंपरिक और धार्मिक तरीके से मनाकर समाज के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं। गाय को गुड़ खिलाकर शादी की सालगिरह मनाना न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक संतोष का भी स्रोत बनता है।
यह विचार शिक्षा प्रेरक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद मांढी और प्रवक्ता संतोष ने अपनी शादी की सालगिरह पर कन्या गुरुकुल पंचगांव में स्थित गौशाला में गायों को गुड़ खिलाते समय व्यक्त किया। विनोद मांढी ने कहा कि आजकल शादी की सालगिरह बड़े होटलों और शोरगुल वाले समारोहों में मनाई जाती है, जबकि इसके बजाय धार्मिक कार्य या पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा कोई कार्य करना चाहिए, जिससे मन को शांति मिले। इस अवसर पर दंपती ने स्थानीय गौशाला में जाकर गायों को गुड़, रोटी और चारा खिलाया।
इस अनूठे कार्य ने न केवल गौ सेवा का संदेश फैलाया, बल्कि समाज में संस्कृति और परंपरा के प्रति सम्मान की भावना को भी जागृत किया। दंपती ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। शादी की सालगिरह पर हम चाहते थे कि ऐसा कार्य करें जिससे आत्मिक शांति मिले और समाज को सकारात्मक संदेश भी मिले। इसके अलावा, गुरुकुल के प्रधान ओमप्रकाश पंचगांव, आचार्या जया आर्या, सुमेर सिंह आदि ने भी इस पहल की सराहना की और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।