शादी से आज़ादी: मैरिज ग्रेजुएशन का नया ट्रेंड

शादी से आज़ादी: मैरिज ग्रेजुएशन का नया ट्रेंड
नई दिल्ली: शादीशुदा जीवन में उतार-चढ़ाव तो सामान्य हैं। कभी रिश्ते मजबूत होते हैं, तो कभी तलाक की नौबत आ जाती है। लेकिन अब एक नया ट्रेंड उभर रहा है, जिसे मैरिज ग्रेजुएशन या सोत्सुकॉन कहा जाता है।
यह ट्रेंड जापान से शुरू हुआ है और अब धीरे-धीरे वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। इसमें पति-पत्नी बिना तलाक लिए अपनी शादीशुदा जिंदगी से स्वतंत्र हो जाते हैं। आइए, जानते हैं कि मैरिज ग्रेजुएशन क्या है, यह कैसे कार्य करता है और इसके लाभ क्या हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन क्या है?
मैरिज ग्रेजुएशन में पति-पत्नी आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लेते हैं, लेकिन तलाक नहीं लेते। जैसे कॉलेज में पढ़ाई पूरी कर ग्रेजुएट होते हैं, वैसे ही ये लोग शादी के बंधन से मुक्त होकर अपनी जिंदगी जीने लगते हैं। यह रिश्ते को समाप्त करने का एक नया और अनोखा तरीका है, जिसमें कोई कानूनी झंझट नहीं होता।
मैरिज ग्रेजुएशन कैसे काम करता है?
इस ट्रेंड में पति-पत्नी का रिश्ता समाप्त हो जाता है, और दोनों अपनी जिम्मेदारियों और खर्चों का प्रबंधन खुद करते हैं। कुछ कपल्स मैरिज ग्रेजुएशन के बाद एक ही घर में रूममेट्स की तरह रहते हैं, जबकि कुछ अलग-अलग स्थानों पर रहने का निर्णय लेते हैं। फिर भी, वे एक-दूसरे से मिलते रहते हैं और जरूरत पड़ने पर सहायता भी करते हैं। यह एक ऐसा रास्ता है, जिसमें रिश्ते की स्वतंत्रता मिलती है, लेकिन प्यार और सम्मान बना रहता है।
मैरिज ग्रेजुएशन के फायदे
मैरिज ग्रेजुएशन तलाक का एक सरल और सहज विकल्प है। इसमें न तो कानूनी प्रक्रिया का झंझट होता है और न ही अनावश्यक खर्च। कपल्स आपसी सहमति से अपनी राहें अलग करते हैं, जिससे कोई कड़वाहट या तनाव नहीं रहता। शादी खत्म होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रख सकते हैं। यह तरीका उन लोगों के लिए विशेष है, जो तलाक की जटिलताओं से बचना चाहते हैं और शांति से अलग होना चाहते हैं।