शाहजहांपुर में कब्रिस्तान को जलकर का बिल जारी, नगर निगम की लापरवाही पर उठे सवाल

शाहजहांपुर में जलकर बिल की विवादास्पद स्थिति
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में नगर निगम के कर विभाग की लापरवाही और मनमानी की घटनाएं आम हो गई हैं। हाल ही में, कब्रिस्तान के लिए जलकर का बिल जारी किया गया है, जो कि विवाद का कारण बन गया है।
कांग्रेस नेता तस्नीम खां ने इस बिल की प्रति सोशल मीडिया पर साझा करते हुए नगर निगम के अधिकारियों की आलोचना की है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विपिन कुलदीप सिंह ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।
जांच की प्रक्रिया शुरू
शहर के हाथीथान मुहल्ले में स्थित एक पुराना कब्रिस्तान है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग अपने प्रियजनों को दफनाते हैं। नगर निगम के कर अधीक्षक ने इस कब्रिस्तान के लिए 1129 रुपये का जलकर बिल जारी किया है, जिसमें 30 सितंबर तक 10 प्रतिशत छूट का भी उल्लेख है। यह बिल कब्रिस्तान के पास किसी व्यक्ति को सौंपा गया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बिल
बिल की तारीख 3 जून 2025 है। जब यह बिल कांग्रेस नेता तस्नीम खां को मिला, तो उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। उन्होंने इसे नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के रूप में निंदा की है।
हालांकि, विपिन कुलदीप सिंह ने कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि संभवतः कब्रिस्तान की भूमि पर कोई निर्माण कार्य हो सकता है, जिसके कारण यह बिल जारी किया गया है।
धार्मिक स्थलों पर कर वसूली का नियम
नियमों के अनुसार, धार्मिक स्थलों और कब्रिस्तानों से गृह और जल कर नहीं लिया जा सकता है। कर केवल उन संपत्तियों पर लगाया जाता है, जो आवासीय होती हैं, जैसे मकान, दुकानें और प्लॉट। नगर निगम द्वारा संपत्ति मूल्य का 11 प्रतिशत गृह और जल कर वसूला जाता है। जिले में कुल 56 हजार मकान हैं, जिनमें से 42 हजार पर जल कर लगाया गया है।
नगर आयुक्त डॉ. बिपिन कुमार मिश्र ने बताया कि यदि कब्रिस्तान की भूमि पर कोई संपत्ति है, तो उसका असेसमेंट किया गया होगा, जिसके आधार पर जल कर का बिल जारी किया गया है। वे मामले की जानकारी लेंगे और यदि कोई गलती हुई है, तो उसे ठीक किया जाएगा।