शिक्षा मंत्रालय का डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने का कदम

UPI शुल्क भुगतान की पहल
UPI शुल्क भुगतान: शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के विद्यालयों में डिजिटल भुगतान प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया है कि वे स्कूलों में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जैसे डिजिटल विकल्पों को अपनाएं, जिससे फीस और परीक्षा शुल्क का भुगतान सरल, पारदर्शी और सुरक्षित हो सके।
विकसित भारत 2047 का लक्ष्य
यह पहल 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत सरकार शिक्षा क्षेत्र को आधुनिक, डिजिटल और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। मंत्रालय ने इस संदर्भ में एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि डिजिटल भुगतान के उपयोग से स्कूलों की प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी और अभिभावकों को भी भुगतान में आसानी होगी।
शिक्षा मंत्रालय के निर्देश
मंत्रालय ने अपने अधीन कार्यरत संस्थानों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस और एनवीएस को भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है। इन संस्थानों से कहा गया है कि वे ऐसी व्यवस्था विकसित करें, जिससे छात्रों से संबंधित सभी फीसें, जैसे प्रवेश शुल्क और परीक्षा शुल्क, डिजिटल माध्यमों से ली जा सकें।
डिजिटल भुगतान के लाभ
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में यूपीआई, मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल भुगतान के माध्यम से न केवल लोगों को सुविधा मिलेगी, बल्कि सिस्टम में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। अभिभावक बिना स्कूल परिसर में गए, घर बैठे अपने बच्चों की फीस आसानी से जमा कर सकेंगे।
आर्थिक भागीदारी में वृद्धि
मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम न केवल स्कूलों के कार्यों को सरल बनाएगा, बल्कि वित्तीय साक्षरता को भी बढ़ावा देगा। इससे लोगों में डिजिटल माध्यमों से लेनदेन करने की समझ विकसित होगी और देश की अर्थव्यवस्था में डिजिटल भागीदारी को मजबूती मिलेगी। सरकार ने पहले ही जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया पहल के तहत कई सुधार किए हैं। अब शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल भुगतान को लागू करना उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। मंत्रालय ने कहा कि यह पहल आने वाले वर्षों में शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त और डिजिटल रूप से सक्षम बनाएगी।