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शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय

शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 नवंबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। इस मामले की तात्कालिकता को देखते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने त्वरित सुनवाई की मांग की। न्यायालय ने सभी पक्षों की सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तारीख तय की है।
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शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तय

सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना चुनाव चिन्ह विवाद

शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह से संबंधित विवाद पर सुप्रीम कोर्ट अगले महीने सुनवाई करेगा। उद्धव ठाकरे द्वारा दायर याचिका पर, कोर्ट ने 12 नवंबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।


उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना-यूबीटी के प्रमुख हैं, ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम 'शिवसेना' और चुनाव चिन्ह 'धनुष-बाण' आवंटित किया गया था।


उद्धव ठाकरे का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव जनवरी 2026 में होने वाले हैं, इसलिए इस मामले पर त्वरित सुनवाई की आवश्यकता है। इसके बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई अगले महीने तय करने पर सहमति जताई।


सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हम 12 नवंबर को सभी पक्षों की सुनवाई करेंगे और यदि आवश्यक हुआ, तो 13 नवंबर को भी सुनवाई जारी रख सकते हैं।


कपिल सिब्बल ने शिवसेना (यूबीटी) गुट की ओर से दायर एक अन्य याचिका पर भी त्वरित सुनवाई की मांग की। इस याचिका में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने से इनकार किया गया था।


इस पर, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि कपिल सिब्बल को संयुक्त सुनवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अनुमति लेनी चाहिए, क्योंकि दूसरी याचिका एक अलग बेंच के समक्ष लंबित है।


बुधवार की सुनवाई से पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह निर्णय इस देश के भविष्य को निर्धारित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र को जीवित और मजबूत रहना चाहिए। हमें उम्मीद है कि न्यायालय का निर्णय न्यायसंगत और संविधान के अनुरूप होगा।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह जनता को यह दिखाने का सुनहरा अवसर है कि देश संविधान और कानून के शासन से चलता है।


मार्च 2023 में, शीर्ष अदालत ने एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह देने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, वह उद्धव ठाकरे की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गई। वर्तमान में, सुनवाई की तारीख 12 नवंबर निर्धारित की गई है।