शेयर बाजार में गिरावट का कारण: कोरोना के बढ़ते मामले और GDP ग्रोथ पर चिंता

शेयर बाजार में लाल निशान
मंगलवार को शेयर बाजार ने गिरावट के साथ शुरुआत की, जिससे बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ही प्रभावित हुए। बाजार खुलते ही पहले 15 मिनट में सेंसेक्स में 300 अंकों से अधिक की कमी आई। यह गिरावट उस समय आई है जब देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है और GDP ग्रोथ पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
बीएसई सेंसेक्स ने 81,492.50 अंकों पर शुरुआत की, लेकिन जल्द ही यह 80,948.20 अंक तक गिर गया। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 ने 24,786.30 अंकों से कारोबार शुरू किया, लेकिन 24,601.30 अंक के निचले स्तर को छू लिया। सोमवार को बाजार में कमजोरी थी, लेकिन दिनभर रिकवरी का प्रयास जारी रहा। मंगलवार को स्थिति पूरी तरह नकारात्मक नजर आई।
कौन से शेयर प्रभावित हुए?
किन शेयरों में रही गिरावट?
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई। हालांकि, कुछ शेयर जैसे इटर्नल (जोमैटो), टाटा स्टील और महिंद्रा एंड महिंद्रा में मामूली बढ़त भी देखी गई।
विदेशी निवेशकों का रुख
विदेशी निवेशकों का रुख और एशियाई बाजारों का असर
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से 2,589.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225, शंघाई एसएसई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स लाभ में रहे, लेकिन घरेलू गिरावट पर इनका प्रभाव सीमित रहा।
कोरोना के मामले और बाजार
क्या कोरोना है गिरावट की वजह?
विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण देश में कोरोना के मामलों में वृद्धि है। वर्तमान में सक्रिय केस 4,026 तक पहुंच चुके हैं और पिछले 24 घंटे में 10 मौतें हुई हैं। केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और कर्नाटक में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। बाजार को चिंता है कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है।
GDP ग्रोथ का प्रभाव
GDP ग्रोथ ने भी गिराया सेंटीमेंट
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रही, जो पिछले चार वर्षों का सबसे कम स्तर है। हालांकि, जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी 7.4% रही, जिससे थोड़ी राहत मिली। दूसरी ओर, जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अनुमान लगाया है कि 2025-26 में भारत की ग्रोथ घटकर 6.2% रह जाएगी, जिसका कारण जीएसटी कलेक्शन और ऑटोमोबाइल बिक्री की धीमी गति है।